ठंड से ठिठुरते भिखारी ने पुलिस कर्मियों का नाम लेकर बुलाया तो रह गए दंग, वो निकला पुलिस अधिकारी

ग्वालियर (द स्टैलर न्यूज़)। कई बार जो हमारे सामने होता है उसकी सच्चाई उससे बिल्कुल अलग होती है। मध्यप्रदेश के ग्लावियर शहर के लोगों के साथ कुछ ऐसा ही हुआ। पिछले 15 सालों से ग्वालियर की सडक़ों पर भीख मांग कर पेट भरने वाला भिखारी पुलिस का एक बड़ा अधिकारी निकला अपना मानसिक संतुलन खो चुका पुलिस अधिकारी पिछले 15 सालों से ग्वालियर की सडक़ों पर घूम रहा था लेकिन किसी को भी इसकी खबर तक नहीं थी। इसे संयोग ही कहेंगे कि मंगलवार रात दो पुलिसकर्मी जब राउंड पर थे तो उन्हें ठंड में ठिठुरता एक भिखारी दिखाई दिया. पुलिसकर्मी जब उसके पास पहुंचे तो वह उसे देखकर हैरान रह गए। भिखारी कोई और नहीं 15 साल से लापता एक पुलिस अधिकारी था।
पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) रत्नेश सिंह तोमर ने पत्रकारों को बताया कि वह और उनके साथी डीएसपी विजय सिंह बहादुर मंगलवार रात को एक मैरिज हॉल के पास अपनी गाड़ी में थे. तभी उन्हें मानसिक रूप से विक्षिप्त एक भिखारी जैसा दिखने वाला व्यक्ति ठंड से बुरी तरह कांपते हुए कचरे के ढेर से खाना ढूंढता हुआ दिखाई दिया। तोमर ने बताया कि उसे देखने के बाद वे दोनों गाड़ी से उतरे और हमने उस व्यक्ति को अपनी गर्म जैकेट पहनने को दी. तभी उस व्यक्ति ने हम दोनों को हमारे पहले नाम से पुकारा तो हम दोनों चौंक गए।

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बाद में गौर से देखने पर हमने पाया कि वह और कोई नहीं बल्कि पुलिस बल में हमारे पूर्व सहकर्मी मनीष मिश्रा हैं जो 2005 में दतिया में निरीक्षक के पद पर रहते हुए लापता हो गए थे। ग्वालियर पुलिस की अपराध शाखा में डीएसपी तोमर ने कहा, इतने सालों में किसी को भी उनके ठिकाने का पता नहीं था. इसके बाद तोमर और सिंह उन्हें एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) द्वारा संचालित आश्रय स्थल ले गए, जहां मिश्रा को अगली व्यवस्था होने तक रखा जाएगा।

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