उत्तरप्रदेश(द स्टैलर न्यूज़)। रसोई, गैस, खाद्य वस्तुओं, पैट्रोल, डीजल, के बाद अब बच्चों की पढ़ाई पर भी केन्द्र सरकार का डाका डल गया है। यानि बच्चों की शिक्षा में प्रयोग होने वाली नोटबुक, स्टेशनरी व बही खाता बुक भी महंगी हो गई है और इसके अलावा स्टेशनरी पेपर व क्राफ्ट पेपर भी 20 से 35 प्रतिशत तक महंगे हो गए हैं। 2020 में कलर पेपर 400 रुपये प्रति रिम था, जिसकी कीमत अब 550 रुपये हो गई है, वहीं, सफेद पेपर की रिम जोकि 380 रुपये की थी, भी आज के समय में 500 रुपये की कीमत में बिक रही है। कोपियर की रिम 125 रुपये की थी जो अब 150 रुपये में मिल रही है।
पैकेजिंग में प्रयुक्त होने वाला क्राफट पेपर जिसकी कीमत पहले 28 रुपये थी अब 42 रुपये किलो हो गई है और आर्ट पेपर 55 किलो था जोकि 80 रुपये किलो मिलेगा। हैरानी की बात है कि एक साल बीत चुका है और कोरोना महामारी के कारण स्कूल कालेज बंद थे, जिसके बाद स्टेशनरी बाजार ने रफ्तार नहीं पकड़ी थी, जिसके चलते स्टेशनरी, कापी-किताबों के बाजार में आमदनी बढ़ाने के लिए इनकी कीमत बढ़ा दी गई है लेमिनेशन में प्रयोग होने वाला रोल भी 120 का 70 मीटर से 150 का रोल हो गया है। लगातार बढ़ रही इस महंगाई से आम जनता में रोष की लहर है। उन्होंने सरकार से मांग की कि सरकार लोगों को महंगाई के झटके न देकर लोगों को राहत पहुंचाए।