या तो पूर्ण लॉक डाउन लगाया जाए नहीं तो जालंधर की तर्ज पर यहां भी खोली जाएं सभी दुकानें: जिम्पा

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। होशियारपुर में राजनीति से प्रेरित होकर लगाया गया लॉक डाउन एवं दी गई छूट पूरी तरह से फेल साबित हो रही है। सरकार एवं जिला प्रशासन ने जनता की जान माल की सुरक्षा करनी होती है तथा साथ ही उसके कारोबार की हिफाजत भी उसका जिम्मा होता है ताकि लोग अपने परिवार का पालन पोषण भी कर सकें। लेकिन होशियारपुर में दुकानें खोलने संबंधी जो आदेश जारी किए गए हैं वह राजनीति से प्ररित लग रहे हैं और प्रशासन को अपने इस फैसले पर पुन: विचार करना चाहिए।

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यह विचार आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयुक्त सचिव पार्षद ब्रह्मशंकर जिम्पा ने आज यहां जारी एक प्रैस विज्ञप्ति में कहे। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार जालंधर प्रशासन ने जनता को कोविड से बचाने के साथ-साथ उनके कारोबार पर ध्यान केन्द्रित करते हुए दुकानें खोलने की आज्ञा दी है उसी प्रकार यहां के प्रशासन को भी उसका अनुसरन करना चाहिए ताकि लोग दो वक्त की रोजी रोटी का जुगाड़ कर सकें। श्री जिम्पा ने कहा कि प्रशासन को होशियारपुर के लोगों व कारोबोारियों, मध्यमवर्गीय व छोटे दुकानदारों का सोचना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सब्जी मंडी में रोजाना हजारों लोग सुबह जुटते हैं और उसके बाद वे अलग-अलग बाजारों में जाकर सामान बेचते एवं लोड और अनलोड करते हैं। क्या, वे कोविड के फैलाव का कारण नहीं बन रहे। अगर मंडी में रोजाना 3-4 हजार लोग इकट्ठा हो सकते हैं तो फिर दुकानें खोलने में क्या हर्ज है। श्री जिम्पा ने कहा कि एक दिन ये वाली दुकानें, दूसरे दिन कोई और तथा तीसरे दिन कोई और दुकानें खोलने की आज्ञा देने का फैसला सरासर जनता से अन्याय है। उन्होंने कहा कि ऐसे फैसले प्रशासन नहीं ले सकता, क्योंकि इन फैसलों से साफ जाहिर है कि इसके पीछे भी राजनीति हो रही है और एक राजनेता को जो जैसी सलाह दे देता है वो प्रशासन से आदेश जारी करवा रहे हैं।

श्री जिम्पा ने जिला प्रशासन और राजनेता से अपील की कि वो अपना या सिर्फ अपने चंद लोगों का सोच कर जिला निवासियों का सोचें और ऐसा फैसला लागू करें जो लोगों को कोविड से बचाव के साथ-साथ उन्हें उनके कारोबार करने की भी सहूलत प्रदान करता है। अगर प्रशासन ऐसा नहीं कर सकता तो प्रशासन को चाहिए कि या तो वे पूर्ण तौर पर लॉक डाउन लागू कर दे या फिर पूर्ण तौर पर खोल दे। नहीं जो जल्द ही जनता सडक़ों पर उतरने को मजबूर होगी, जिसकी सारी जिम्मेदारी एक राजनेता और जिला प्रशासन की होगी।

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