जीवन का आधार है श्रीमद्भागवत, इससे सुनने और पढऩे मात्र से दूर होते हैं कष्ट: आचार्य धीरज कृष्ण

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। श्री नंद अन्नपूर्णा मंदिर एकता नगर में चल रही श्री मद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथा करते हुए आचार्य धीरज कृष्ण शास्त्री ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा श्रवण करने से मानव जन्म-जन्म के पापों एवं बंधनों से मुक्क हो जाता है। उन्होंने कहा कि भगवान श्री कृष्ण के मुखारविंद से निकली श्रीमद्भागवत समस्त ग्रंथों का सार है तथा इसे पढऩे एवं सुनने से मनुष्य का जीवन सफल हो जाता है। उन्होंने कहा कि आज के भौतिकवादी दौर में जो मनुष्य भगवान की शरण में रहता है उन्हें प्रभु की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

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आचार्य धीरज ने उपस्थिति को बताया कि जब कंस द्वारा धर्महीन कार्य धरती पर बढऩे लगे तो धर्म की स्थापना होतु प्रभु ने अवतार लिया। उन्होंने कहा कि जब-जब धरती पर धर्म की हानि होती है तब-तब भगवान किसी अवतार में अपने भक्तों के उद्धार के लिए धरती पर अवतरित होते हैं। उन्होंने भजनों के माध्यम से उपस्थिति को मंत्रमुग्ध कर दिया। तीसरे दिन की कथा के विश्राम उपरांत आरती की गई और प्रबंधकों द्वारा प्रसाद वितरित किया गया और भंडारा लगाया गया।

इस मौके पर अन्य के अलावा प्रधान रमेश अग्रवाल, महासचिव तरसेम मोदगिल, भारत विकास परिषद के अध्यक्ष प्रमुख समाज सेवी संजीव अरोड़ा, मुकेश डावर मिंटू, मोहन लाल पहलवान, संदीप सैनी, कृष्ण गोपाल आनंद, छोटा अश्विनी, विकास सिंगला, राजेन्द्र मोदगिल, मुकेश डाबर, मोहन लाल पहलवान, सुभाष अग्रवाल, नील शर्मा, जगदीश हरजाई, दविंदर वालिया गुरुजी, विशाल वालिया, राजीव शर्मा, रामेश गम्भीर इत्यादि मौजूद थे।

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