खून की कमी वाले बच्चे कुपोषण का शिकार हो सकते हैं: सिविल सर्जन

होशियारपुर, (द स्टैलर न्यूज़)। सिविल सर्जन डाॅ. बलविंदर कुमार डमाणा जी के कुशल नेतृत्व में जिला स्वास्थ्य विभाग ने जिले में एनीमिया को जड़ से खत्म करने के लिए स्वास्थ्य जांच जागरूकता अभियान शुरू किया है। इसी कड़ी के तहत स्वास्थ्य विभाग की राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएससीओ) टीमें जिले के विभिन्न स्कूलों में बच्चों की स्वास्थ्य जांच कर रही हैं और एनीमिया मुक्त पंजाब अभियान के तहत जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।

Advertisements

इस बारे में जानकारी साझा करते हुए सिविल सर्जन डॉ. बलविंदर कुमार डमाणा जी ने बताया कि पंजाब सरकार ने एनीमिया मुक्त पंजाब अभियान शुरू किया है। जिसके तहत स्कूलों में एनीमिया की जांच के साथ-साथ जागरूकता फैलाई जा रही है। एनीमिया बच्चों के स्वास्थ्य के लिए चिंता का विषय है। यह एक वैश्विक समस्या है, जिसका सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ता है।

उन्होंने कहा कि यह कोई बीमारी नहीं बल्कि कई बीमारियों की जड़ है। उन्होंने बताया कि बच्चों में एनीमिया के मुख्य लक्षण हमेशा थकान, दिल की धड़कन का तेज और अचानक कम होना, सिरदर्द, पूरे शरीर और हड्डियों में दर्द, सांस लेने में दिक्कत और त्वचा का पीला पड़ना है। उन्होंने कहा कि एनीमिया से पीड़ित बच्चे भी कुपोषण का शिकार हो सकते हैं और उनका पूरा जीवन प्रभावित हो सकता है। एनीमिया शारीरिक ऊर्जा को कम करता है, काम करने की क्षमता को कम करता है। यदि गर्भवती महिला एनीमिया से पीड़ित है, तो बच्चे का वजन कम होगा।

डॉ. डमाणा ने कहा कि किशोरावस्था में मासिक धर्म के कारण लड़कियां एनीमिया की शिकार हो जाती हैं। इसकी कमी को पूरा करने के लिए हमेशा आयरन से भरपूर पौष्टिक आहार खाना चाहिए। जिसे देखते हुए एनीमिया की रोकथाम के लिए भोजन में अनार, टमाटर, सेब, चुकंदर, कीवी फल, खजूर, गुड़, गन्ने का रस, आंवला, मोटा अनाज, चना, पालक, मछली, अंडे, शहद, सब्जियां और दालों का उपयोग करना चाहिए। जिससे शरीर में खून की निर्धारित मात्रा बनी रहती है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here