शिक्षा विभाग ने जारी किए आदेश, सरकारी अध्यापकों के पत्रकारिता करने पर रोक

होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: मुक्ता वालिया। पिछले कुछ महीने पहले शिक्षा विभाग के कर्मचारियों की तरफ से पत्रकारिता करने का मामला सामने आया था, जिस उपरांत शिक्षा विभाग की तरफ से सख्त रूख अपनाते हुए सभी सरकारी अध्यापकों या कर्मचारियों जोकि पत्रकारिता से संबंधित हैं को तुरंत पत्रकारिता छोडऩे का आह्वान किया था तथा ऐसा न करने वालों को बर्खास्त करने का निर्णय लिया था। लेकिन, कुछेक द्वारा अभी भी इन नियमों की पालन करना जरूरी नहीं समझा जा रहा तथा जिस विभाग में काम कर रहे है उसी को पत्रकारिता का रोहब दिखाते हुए दूसरों को नियमों का ज्ञान सीखाने वाले खुद ही उल्लंघन कर रहे हैं। शिक्षा विभाग की तरफ से सभी शिक्षा अधिकारियों को जारी किए गए पत्र संबंधी सहायक डायरेक्टर कोआर्डिनेशन ने पत्रकारिता कर रहे सरकारी मुलाजिमों को तुरंत पत्रकारिता छोडऩे के लिए कहा है अन्यथा कड़ी कार्रवाई किए जाने की बात कही है।

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-रोक लगाए जाने के बावजूद भी पत्रकारिता कर रहे अध्यापकों के मामले में शिक्षा विभाग ने लिया संज्ञान, जारी किए निर्देश

गौरतलब है कि पंजाब के सरकारी स्कूलों में काम कर रहे कई अध्यापक तथा कर्मचारी विभिन्न समाचार पत्रों के लिए बतौर पत्रकार काम कर रहे हैँ। कुछ मामलों में संबंधित संस्था के प्रमुखों की तरफ से अपने स्तर पर इस काम के लिए आज्ञा दी गई है। 1966 के तहत बनाए कानून के अनुसार कोई भी सरकार कर्मचारी निर्धारित अथारिटी की पूर्व स्वीकृति के बिना किसी भी समाचार पत्र या अन्य समय के प्रकाशन या इलैक्ट्रानिक मीडिया के संपादन या प्रबंधन में पूरी तरह या अंशिक तौर पर किसी संचालन में हिस्सा नहीं ले सकता। इसी प्रकार कोई भी सरकारी कर्मचारी निर्धारित अथीरिटी की पून: स्वीकृति के बिना अपनी ड्यूटी निभाने के अलावा रेडियो प्रसारण में हिस्सा नहीं ले सकता या लेख का योगदान नहीं दे सकता। इसके साथ ही सरकारी कर्मचारी किसी अज्ञात तौर या किसी न्य व्यक्ति के नाम से किसी रेडियो प्रसारण, डेली न्यूज़ पेपर या समय-समय पर प्रकाशित होने वाले पेपर में किसी किस्म का भाग नहीं लेगा न ही कोई आर्टिकल प्रकाशित करवा सकता है।

इस संबंधी कोई स्वीकृति मिलने की सूरत में जरूरत नहीं होगी जब ऐसा योगदान प्रसारण या लिखित तौर पर साहित्यक, कलात्मक या विज्ञानिक चरित्र पर आधारित हो। लेकिन आम तौर पर देखा गया है कि कुछ सरकारी कर्मचारी प्रसिद्ध अखबारों के लिए बतौर नियमित पत्रकार के रूप में काम कर रहे हैं तथा इसी तरह कुछ कर्मचारी किताबें या अन्य पर्चे लिखकर पब्लिश करवा रहे हैं तथा इस मंतव के लिए वे समर्थय अधिकारी की स्वीकृति के बिना संबंधित संसथा या पब्लिशर की तरफ से मेहनताना भी प्राप्त कर रहे हैं। किसी कर्मचारी के किसी प्रसिद्ध समाचारपत्र के लिए बतौर पत्रकार काम करने के परिणामस्वरूप उसके साथी कर्मचारियों तथा उच्च अधिकारियों को किसी निजी मनोरथ के लिए ब्लैकमेल करने की संभावना बनी रहती है। इसलिए विभाग द्वारा यह फैसला किया गया है कि विभाग द्वारा बताए ििनयमों की सख्ती से पालना की जाए अन्यथा कर्मचारी को प्रमुख द्वारामिली मंजूरी को रद्द कर दिया जाएगा तथा उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए विभाग डायरेक्टर को रिपोर्ट भेजी जाएगी। जिस उपरांत उल्लंघन करता पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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