बागवानी के लिए वरदान साबित हो रहा सैंटर आफ एक्सीलेंस फार फ्रूट्स

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। सरकार की ओर से होशियारपुर के गांव खनौड़ा में करोड़ों रु पये की लागत से स्थापित किए गए सैंटर आफ एक्सीलेंस फार फ्रू टस जहां किसानों के लिए लाभप्रद साबित हो रहा है, वहीं मिशन तंदुरुस्त पंजाब मुहिम में एक नई जान फूंकने में कामयाब हो सका है। सैंटर से सप्लाई किए जा रहे उच्च क्वालिटी के नींबू जाति के पौधों की काश्त से किसानों को चोखा मुनाफा होरहा है। इसके साथ इन पौधों से पैदा हो रहे रोग मुक्त पौष्टिक फल जन स्वास्थ्य को तंदुरु स्ती प्रदान करने में सफल हो रहे हैं।

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यह जानकारी अतिरिक्त जिलाधीश(सामान्य) अनुपम कलेर ने दी। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से इंडो- इजरायल वर्क प्लान के अंतर्गत राष्ट्रीय बागवानी मिशन के अंतर्गत 10.40 करोड़ रुपये की लागत से सैंटर आफ एक्सीलेंस फार फ्रूट्स (नींबू जाति) खनौड़ा, होशियारपुर में स्थापित किया गया है। उन्होंने बताया कि इस प्रोजैक्ट में इजरायल से मैंडरिन ग्रुप की 8 किस्में व अमरीका से स्वीट आरेंज की 10 किस्में लगाई गई हैं,जबकि ग्रेप फ्रू ट की किस्म स्वीटी भी इजरायल से लाकर स्क्रीन हाउस में लगाया गया है। पजंाब सहित दूसरे राज्यों में भी नींबू जाति की प्रचलित किस्मों को इजरायली तकनीक से लगाया गया है। इन किस्मों को अलग-अलग जड़ मुड्डा(रु ट स्टाक) (जट्टी खट्टी, कैरिजो, रंगपुर लाइम, एक्स-639 व वोलकैमरलैमन) पर प्यूंद पौधों को इजरायली तकनीक के साथ बैडों पर लगाया गया है। उन्होंने बताया कि सेंटर से जल्द ही पकने वाली किस्म डेजी के पौधे अमरीका से लाए गए जड़ पौधे पर तैयार करके किसानों को दिए जाते हैं। डेजी किस्म का फल नवंबर माह में पक कर तैयार होने के कारण नींबू जाति के फल की उपलब्धता का स्पैन लंबा हो गया है। इसके अलावा पी.ए.यू लुधियाना की ओर से तैयार की लो- सीडिड(पी.ए.यू किन्नू-1) किन्नू किस्म के पौधे भी तैयार करके इस साल किसानों को दिए जाएंगे।

-मिशन तंदुरु स्त पंजाब मुहिम में जान फूंक रहे हैं उच्च क्व वालिटी के पौधे से पैदा हो रहे रोग-मुक्त पौष्टिक फल

अनुपम कलेर ने बताया कि इस प्रोजैक्ट के अंतर्गत नींबू जाति के अच्छी किस्म के बीमारी रहित पौधों को तैयार किया जा रहा है, जिससे मिशन तंदुरु स्त पंजाब को बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने फसली विभिन्नता पर जोर देते हुए कहा कि किसान फसली चक्कर से निकल कर बागवानी की काश्त करने जैसे प्रयास करें ताकि उनकी आय में वृद्धि हो सके व आम जनता की तंदुरु स्ती के लिए उनको पौष्टिक फल मुहैया करवाए जा सकें। उन्होंने कहा कि जिले का पानी, हवा व जमीन का प्राकृतिक तौर पर नींबू जाति के फलों की काश्त के लिए बहुत उपयुक्त है। इस लिए किसान नई तकनीकें अपना कर इस धंधे को फायदेमंद बना सकते हैं। किसान नई तकनीकों संबंधी बागवानी विभाग व विभाग के अंतर्गत चल रहे सैंटर आफ एक्सीलेंस फार फ्रुू ट्स का लाभ ले सकते हैं।
एडीसी ने बताया कि सैंटर की ओर से अब तक लगभग 70 हजार नींबू जाति के पौधे तैयार करके किसानों को दिए जा चुके हैं, जबकि हर वर्ष किसानों को 50 हजार पौधे दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि प्रोजेक्ट में जड़ मुड्डा की नर्सरी तैयार करने के लिए एक हाई टैक पोली हाऊस व प्यूंद किए हुए पौधों को रखने के लिए तीन नैट हाउस स्थापित किए गए हैं। खुले खेतों में बैडों पर लगी अलग-अलग किस्मों को सिंचाई व खादों आदि आटोमेशन सिस्टम का उपयोग किया जाता है।

– इजरायली तकनीक से लगाई जा रही हैं नींबू जाति की लगभग 20 विदेशी किस्में

बागवानी विभाग होशियारपुर के डिप्टी डायरेक्टर डा. नरेश कुमार ने कहा कि पंजाब में इस समय फलों के कुल रकबे में लगभग 66 प्रतिशत रकबा नींबू जाति के फलों के अंतर्गत है। उन्होंने कहा कि यह सैंटर बनने के बाद बागवानों के खेतों में नींबू जाति के फलों की क्वालिटी व पैदावार में सुधार आया है व उनके प्रति यूनिट मुनाफे में वृद्धि हुई है। यह सैंटर बनने से किन्नू फसल के मोनोकल्चर को तोड़ कर नींबू जाति फसलों में विभिन्नता लाने के लिए बहुत फायदेमंद साबित हुआ है। इस सेंटर से अब तक लगभग 400 से अधिक किसानों को नए बाग लगाने संबंधी, खादों व पानी ड्रिप के माध्यम से देना, पौधों की कांट-छांट करना, कीड़े मकौड़े व बीमारी की रोकथाम करना व फलों को तोडऩे के बाद संभाल करने आदि विषयों पर ट्रेनिंग देकर उनके बागों में सुधार किया गया है। उन्होंने बताया कि सैंटर में नींबू जाति के फलों की ग्रेडिंग व वैक्ंिसंग के लिए पैक हाउस का निर्माण किया गया है व ग्रेडिंग वैक्ंिसग लाइन लगने के बाद किसानों को ग्रेडिंग व वैक्सिंग संबंधी ट्रेनिंग भी दी जाएगी। इस लिए यह सेंटर बागवानों के लिए वरदान साबित हो रहा है।

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