होशियारपुर, (द स्टैलर न्यूज़): जब से निज्जर से स्थानीय निकाय विभाग का दायित्व लिया गया है उसके बाद जो नए मंत्री बने उनकी कोई पहचान नहीं। न ही आम जन उनका नाम जानते हैं। सच तो यह है कि यह विभाग हर घर से जुड़ा है। बिजली, पानी, सफाई, सड़कें आदि सभी नगरों—कस्बों की सुविधाएं इसी विभाग ने जनता को देनी हैं, पर जब इस विभाग के मुखिया ही दिखाई नहीं देते तो जनता अपनी कठिनाई किसे सुनाएगी। अमृतसर जैसा शहर जिसे स्मार्ट सिटी बनाने के नाम पर अरबों रुपये खर्च किए जा रहे हैं उस शहर का स्मार्ट बनना तो दूर, टूटी—फूटी सड़कों, मिट्टी और उड़ती धूल का शहर बन गया है।
महानगर में फैली गंदगी के कारण ही हजारों लोग डेंगू और चिकनगुनिया के शिकार हुए। स्मार्ट सिटी के नाम पर शहर की प्रमुख सड़कें छोटी कर दीं और फुटपाथ चौड़े कर दिए। ऐसा लगता है जिन अधिकारियों ने स्मार्ट सिटी योजना बनाई उन्हें हमारे शहरों के बारे में कोई ज्ञान ही नहीं। पहले हृदय योजना के नाम पर भी सरकारी धन मिट्टी में मिला दिया। सरकारी सिफारिश तंत्र का यह हाल है कि लोहगढ़ से लाहौरी गेट अमृतसर तक फुटपाथ चौड़े करने के चक्कर में वृक्ष तो काट दिए, पर फुटपाथ पर बना शराब का ठेका पूरी शाम से चल रहा है, क्योंकि उस पर किसी बड़े राजनेता की मेहरबानी है। स्थानीय निकाय मंत्री एक बार अमृतसर आकर दर्शन दें और जनता के कष्ट सुनें। भगवंत मान जी अपने इस मंत्री को अमृतसर लेकर आएं।