होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। भारतीय संस्कृति की छिपी हुई कलाओं को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से भारत सरकार की तरफ से समय-समय पर सांस्कृतिक मेले आयोजित किए जाते हैं तथा इसमें प्रदेश सरकारों का भी पूर्ण सहयोग रहता है। होशियारपुर में मंगलवार 23 अक्तूबर को भारतीय संस्कृतिक की झलक पेश करता सरस मेला शुरु हुआ। इस दौरान जहां कई वी.वी.आई.पीज और वी.आई.पीज. को इस मेले का अवलोकन करने के लिए निमंत्रण पत्र प्रशासन की तरफ से भेजे गए।
मगर हैरानी की बात रही कि जहां इस मेले का उद्घाटन करने के लिए कैबिनेट मंत्री तृप्त बाजवा बतौर मुख्यातिथि पहुंचे वहीं केन्द्र के सहयोग से करवाए जा रहे इस मेले में केन्द्रीय राज्य मंत्री विजय सांपला का न पहुंचना भी उनके समर्थकों और सहयोगियों को काफी अखर रहा है। इतना ही नहीं शहर के अधिकतर कांग्रेसी, अकाली एवं भाजपा पार्षदों को भी निमंत्रण पत्र न मिलने के कारण उनमें भी काफी रोष पाया जा रहा है। पता करने पर जानकारी मिली कि प्रशासन द्वारा मेयर एवं समस्त पार्षदों के नाम एक कार्ड नगर निगम भेजा गया था, जिस पर सभी काफी नाराज दिखे। निमंत्रण न मिलने वाले पार्षदों का कहना था कि इतने बड़े आयोजन के लिए जहां प्रशासन ने शहर में कई लोगों को निमंत्रण भेजा तो क्या उनके लिए एक कार्ड भी नहीं जुड़ा कि उन्हें भेजा जा सकता। नाराज पार्षदों में कई कांग्रेसी पार्षद भी शामिल हैं, जिनका कहना है कि उन्हें दुख है कि उनकी पार्टी की सरकार होते हुए सरकार के अधीन कार्यरत प्रशासनिक अधिकारियों ने उनकी अनदेखी की।
केन्द्रीय राज्य मंत्री विजय सांपला के राजनीतिक सचिव भारत भूषण वर्मा ने बताया कि केन्द्रीय मंत्री शहर में ही मौजूद थे तथा अगर उन्हें निमंत्रण होता तो वे जरुर जाते। मगर प्रशासन द्वारा उन्हें निमंत्रण न भेजकर उनका अपमान किया गया है। जिसके सभी कार्यकर्ताओं को बहुत दुख है।
कुछेक कांग्रेसी पार्षदों ने नाम न छापने की शर्त पर अपना दुख बयान किया कि ऐसे कार्यक्रमों में उन्हें निमंत्रण न दिए जाने से लग रहा है कि प्रदेश में उनकी सरकार ही नहीं तथा पार्टी नेताओं को उनकी कद्र नहीं है, क्योंकि मेले में लोकल लीडरशिप मौजूद थी तथा उन्हें यह पुख्ता करना चाहिए था कि उनके पार्षदों को बुलाया गया है कि नहीं। मगर ऐसा कुछ हुआ। जिसका उन्हें बेहद अफसोस एवं दुख रहेगा।
दूसरी तरफ अकाली एवं भाजपा पार्षदों ने कहा कि प्रशासन का रवैया सबको साथ चलने का नहीं बल्कि तोडऩे का प्रतीत हो रहा है। एक तरफ जहां दशहरा महोत्सव के अवसर पर सभी नेताओं ने एकमंच पर होशियारपुर की बेहतरी की कामना की थी वहीं दूसरी तरफ प्रशासन द्वारा भेदभावपूर्ण रवैये से काम किया जा रहा है।इतना ही नहीं भगवान वाल्मीकि जी की शोभायात्रा में भी सभी पार्टियों के नेताओं ने एक जुटहोकर इसमें भाग लिया और सभी को भगवान वाल्मीकि जी के प्रकट उत्सव की बधाई दी। केन्द्र सरकार ने इस मेले के लिए लाखों रुपये के फंड भेजे हैं तथा प्रशासन का फर्ज बनता था कि वे सभी जनप्रतिनिधियों को मेले में बुलाता। उनका कहना है कि वे इस संबंधी केन्द्र सरकार को लिखित तौर पर भेजेंगे ताकि भविष्य में किसी भी जनप्रतिनिधि की अनदेखी न हो।
इस संबंधी बात करने पर जिलाधीश ईशा कालिया का कहना है कि केन्द्र व राज्य सरकार की तरफ से इस मेले के लिए निर्धारित करीब 30-40 लाख रुपये के फंड भेजे गए हैं। किसी को निमंत्रण नहीं मिला संबंधी पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह मेला सभी के लिए है और इसमें सबको खुला निमंत्रण है। सभी इसमें आ सकते हैं।