हमीरपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: रजनीश शर्मा। एक तरफ़ जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छता अभियान एवं खुले में शौचमुक्त व्यवस्था के लिए देशवासियों को जागरूक कर रहे हैं, वहीं जिला के सुजानपुर उपमंडल में प्रशासन ने 39 साल पुराने शौचालय को तोड़ कर परिवार के 9 सदस्यों की दिक्कतें बढ़ा दी हैं। जब 20 अगस्त को शाम के वक़्त शौचालय तोड़ा जा रहा था , उस वक़्त परिवार के सभी सदस्य दिल्ली में थे। परिवार को किसी पड़ौसी ने फ़ोन पर घटना की जानकारी दी तो आनन फानन में परिवार के मुखिया सतपाल 21 अगस्त को सुजानपुर पहुँचे।
जानकारी के अनुसार सुजानपुर के वार्ड नंबर 6 में विनोद कुमार व सतपाल दो सगे भाई रहते हैं ।1980 में इनके पिता विधि चंद ने इस शौचालय को बनाया । 2005 में विधि चंद की मौत हो गयी। इसके बाद विनोद व सतपाल के परिवार के 9 सदस्य इस शौचालय का प्रयोग करते रहे। आपको बता दें कि 2010 में संदीप शर्मा ने इसी वार्ड में जमीन खऱीदी और साथ में ही इस शौचालय के अवैध निर्माण की शिकायत भी तहसीलदार के पास कर दी।
वैकल्पिक व्यवस्था न होने से परिवार के 9 सदस्यों को अब आ रही दिक्कत
सतपाल कश्यप के अनुसार न तो शौचालय के कारण किसी का रास्ता बंद था और न ही किसी को दिक्कत थी । उन्होंने कहा कि प्रशासन के पास अवैध क़ब्ज़ों को लेकर कई शिकायतें हैं लेकिन उन पर तोड़ फोड़ करने की बजाए उनका शौचालय तोड़ दिया। उन्होंने दावा किया कि इस बारे में वह आरटीआई लेकर जानकारी जुटाएंगे कि अवैध क़ब्ज़ों के कितने मामले सुजानपुर में हैं और इससे पहले कितने अवैध निर्माण तोड़े गए। उनका कहना है कि बिना उन्हें सुने प्रशासन ने शौचालय तोड़ कर उनकी दिक्कतें बढ़ा दी हैं।
सतपाल कश्यप की पत्नी रीता देवी के अनुसार उनके परिवार में दो बेटियां, एक बेटे सहित 9 सदस्य इस शौचालय का प्रयोग करते थे। शौचालय तोडऩे के बाद प्रशासन ने उनके लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था तक नहीं की जिस कारण उन्हें दिक्कतें पैदा हो गई है । वहीं ,पीडि़त परिवार के मुखिया सतपाल कश्यप ने कहा कि उन्हें सुने बग़ैर ही जल्दबाज़ी में निर्णय लेकर शौचालय तोड़ दिया गया। उन्होंने आपत्ति जताई कि 20 अगस्त को शाम 4:30 बजे एसडीएम ने शौचालय तोडऩे का ऑर्डर पास किया और 5:15 बजे उन्हें नोटिस दिए बग़ैर शौचालय को तहस नहस कर दिया गया । इससे उनकी करीब 2 लाख की सम्पत्ति का नुक़सान हुआ है। इस मामले को लेकर वह कोर्ट में अवमानना का केस दायर करने जा रहे हैं।
इस बारे में एसडीएम सुजानपुर शिल्पी बेक्टा ने कहा कि यह सरकारी ज़मीन पर अवैध क़ब्ज़े का मामला था । उन्होंने कहा कि निर्णय क़ानून के दायरे में दिया गया है और पार्टी मंडल आयुक्त की अदालत में अपील कर सकती है। एस.डी.एम. ने कहा है कि शौचालय बनाने से पहले पार्टी को देखना चाहिए था कि शौचालय कहां बनाना है ।