ट्रिपल-एम: आई.आई.टी. में दाखिला दिलवाना होगी प्राथमिकता, संस्थान में करवाई जाएगी एन.डी.ए. की तैयारी: प्रो. कपूर

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। राज्य व आसपास के राज्यों में डाक्टरों एवं इंजीनियरों की नर्सरी के रुप में विख्यात ट्रिपल-एम पब्लिक स्कूल एक और मील का पत्थर स्थापित करने जा रहा है। हर साल सैकड़ों की तादात में छात्रों को देश के नामी मैडीकल एवं इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिला दिला रहे ट्रिपल-एम संस्थान द्वारा अब विद्यार्थियों को आई.ई.टी. में दाखिला दिलाने के लिए विशेष फोकस किया जा रहा है। जिसके तहत मैथमैटिक्स के प्रसिद्ध शिक्षाविद प्रो. नवदीप कपूर ने विद्यार्थियों का मार्ग दर्शन करते हुए पत्रकारों से विशेष तौर पर बातचीत की। ट्रिपल-एम ग्रुप के मैनेंजिंग डायरैक्टर प्रो. मनोज कपूर की अगुवाई में आयोजित कार्यक्रम में डायरैक्टर प्रो. एस.के. शर्मा, प्रो. ओ.पी. शर्मा व प्रो. जरनैल सिंह भी मौजूद थे। इस अवसर पर प्रो. नवदीप कपूर ने बताया कि इस वर्ष जे.ई.ई. मेन्स की परीक्षा में उनकी छात्रा रिद्धी कपिला व हरनीत सिंह ने 95-95 परसंटाइल हासिल किए।

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मैथमैटिक्स के प्रसिद्ध शिक्षाविद प्रो. नवदीप कपूर पत्रकारों से हुए रूबरू, किया सम्मानित

आई.ई.सी. नागपुर से बी.टैक प्रो. कपूर की गणना मैथ के नामी शिक्षाविदों में होती है तथा उन्हें 19 वर्ष का तजुर्बा हासिल है। इस दौरान उनसे पढ़े सैकड़ों छात्र देश-विदेश के अलावा आई.आई.टी. व एन.डी.ए. में प्रवेश पा चुके हैं। इसी दौरान ट्रिपल एम ग्रुप के सी.एम.डी. प्रो. मनोज कपूर ने बताया कि संस्थान में अब एन.डी.ए. की तैयारी भी करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि बड़े गर्व की बात है कि संस्थाम की छात्रा श्रेया ठाकुर ने 98.54 प्रतिशत अंक प्राप्त करके इस साल जे.ई.ई. मेन्स में टॉप किया। इस परीक्षा में 40 के करीब उतीर्ण हुए छात्रों में से 11 छात्रों ने 90 से अधिक परसंटाइल हासिल किए। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 में संस्थाम के 53 छात्रों ने एम.बी.बी.एस. के लिए मैडीकल कॉलेज में दाखिला लिया। जबकि 41 छात्रों ने भारत व विदेशी इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिला लेकर बेहतर कल की शुरुआत की।

इसी दौरान ट्रिपल-एम ग्रुप की चेयरपर्सन सुदेश रानी कपूर व प्रिं. रीना कपूर ने कहा कि होशियारपुर व दसूहा में चल रहे दोनों स्कूलों के माध्यम से दोआबा क्षेत्र के छात्र लाभांवित हो रहे हैं। संस्थान का एकमात्र लक्ष्य जिला होशियारपुर के पिछड़े इलाके व दोआबा इलाके के ज्यादा से ज्यादा बच्चों को डाक्टर व इंजीनियर बनाना है।

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