कोरोना काल में राशन वितरण में राजनीति और भ्रष्टाचार ने जनता का दिल तोड़ा: वीर प्रताप राणा

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। कोरोना वायरस के कारण पैदा हुए हालातों में जरुरतमंद लोगों को राशन वितरण में हो रही राजनीति तथा भ्रष्टाचार ने जनता का दिल तोड़ दिया है। इसलिए केन्द्र व पंजाब सरकार को कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए बिना भेदभाव के जरुरतमंद लोगों को राहत पहुंचानी चाहिए। यह बात सफल भारत गुरु परंपरा के अध्यक्ष वीर प्रताप राणा ने कही। उन्होंने कहा कि बड़े दुख की बात है कि देश पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं और राजनीतिक पार्टियों द्वारा ऐसे में भी राजनीति को प्राथमिकता दी जा रही है तथा आगामी चुनावों को देखते हुए राजनेता जरुरतमंदों का राशन भेंट करके राजनीति के पासे फेंक रहे हैं। वीर प्रताप राणा ने कहा कि एक तरफ सरकार कह रही है कि मकान व दुकान मालिक किराया न लें तथा मजदूरों को बिना काम के वेतन दिया जाए, लेकिन दूसरी तरफ अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह भूल गई है, जैसे जनता के पानी, सीवरेज व बिजली के बिल माफ करने चाहिए।

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लेकिन दुख की बात है कि बैंकों द्वारा जहां लोन आदि की किश्तें काटी जा रही हैं वहीं बिजली के बिल एवरेज के हिसाब से भेजने शुरु कर दिए गए हैं। जिसके चलते लोगों के समक्ष आगे खाई पीछे कुएं जैसी स्थिति बनी हुई है। सरकारें जनता से ही सभी उम्मीदें रख रही है और अपनी तरफ से कोई बड़ी राहत की घोषणा न करके राजनीति करते हुए एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप की ढफली बजा रही हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार का कहना है कि उन्होंने राहत भेजी है पर पंजाब सरकार बांट नहीं रहा तथा पंजाब सरकार का कहना है कि केन्द्र ने अभी तक कोरोना संकट से निपटने के लिए कोई राहत पैकेज नहीं दिया। ऐसे में कौन सच बोल रहा है और कौन झूठ इसका फैसला तो यही राजनीतिक पार्टियां कर सकती हैं। लेकिन इन सब के चलते नुकसान जनता को उठाना पड़ रहा है। उन्होंने केन्द्र और पंजाब सरकार से अपील की कि अगर वे जनता की सच्ची सेवा करना चाहते हैं तो एकमंच पर आकर काम करें और इस संकट से जूझ रही जनता को राहत पहुंचाएं।

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