होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। वीरवार 11 मई की रात सुन्दर नगर के राम नगर इलाके में स्थित झुग्गियों में लगी आग से कईयों की जहां जीवन भर की पूंजी आग में स्वाहा हो गई वहीं आग से पीडि़तों की जैसे दुनिया ही उजड़ गई। रात को आग के लगने और बुझने के बाद का दुखद वृतांत शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। आग से राख हुए सामान में बची-कुची चीजें खोजते पीडि़तों की दर्द उनके चेहरे से साफ झलक रहा था। दिन-रात मेहनत करके जिंदगी की कमाई आंखों के सामने राख हो गई और वे उसे बचा नहीं पाए। पीडि़तों ने बताया कि आग इतनी तेज से फैली कि वे अपनी जमा पूंजी भी नहीं बचा पाए।
चारों तरफ फैली चीख-ओ-पुकार से हृदय विदारक दर्द न तो सुना जा रहा था और ही देखा जा रहा था। हर कोई अपनी
जान बचाने के लिए एक से दूसरी तरफ भाग रहा था और सभी अपने-अपने बच्चों और बुजुर्गों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए जद्दोजहद कर रहे थे। भगवान का शुक्र रहा कि इस आग में किसी के हताहत होने का समाचर नहीं है, क्योंकि सामान तो फिर भी बन जाता है, मगर एक बार किसी का अपना ऐसे हादसे का शिकार हो जाए तो उसका दर्द मनुष्य को ताउम्र न तो सोने देता है और न ही वह चैन से जीवन व्यतीत कर पाता है। सभी सुरक्षित रहे इसके लिए हर कोई भगवान का शुक्रिया अदा कर रहा था।
झुग्गियों में रहते हुए कड़ी मेहनत से कमाई पूंजी और अन्य सामान राख में ढूंढते हुए उन्हें यह उम्मीद थी कि शायद कोई वस्तु काम की बची हो, जिसके सहारे पुन: जीवन शुरु किया जा सके। मगर, बदक्सिमती से राख में मिट्टी के चंद बर्तन और लोहे का थोड़ा बहुत सामान ही बचा, जिसे आग अपने आगोश में नहीं ले पाई, बाकी सारा सामान राख के ढेर में बदल गया। हालांकि कई समाज सेवी संस्थाएं उनकी मदद के लिए आगे आ रही हैं, परन्तु जिन बेघरों का आशीयाना ही लुट गया हो उनके
लिए पुन: जिंदगी का सफर कैसे शुरु हो पाएगा इस दर्द को वे ही जान सकते हैं। हां इतना जरुर है कि उनकी मदद में बढ़े हाथ उनके जख्मों पर मरहम लगाने का काम करेंगे, जिससे उनका दर्द थोड़ा कम जरुर होगा। इसलिए ‘द स्टैलर न्यूज़’ का यह समाचार पढऩे वाले पाठकों से निवेदन है कि वे इन आग्नि पीडि़तों की मदद के लिए आगे आएं, ताकि यह लोग पुन: आशा की किरण के साथ नवजीवन शुरु कर सकें।