सरहिन्द और राजस्थान फीडर की रीलाईनिंग दो सालों में होगी मुकम्मल: सरकारिया

चण्डीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। सेम प्रभावित इलाकों को राहत देने और नहरी पानी के ईष्टतम प्रयोग को यकीनी बनाने के लिए सरहिन्द फीडर और राजस्थान फीडर का रीलाईनिंग प्रोजैक्ट दो सालों में मुकम्मल हो जायेगा। पंजाब ने जि़ला श्री मुक्तसर साहिब, फरीदकोट और फिऱोज़पुर में 80.51 करोड़ रुपए की लागत से सरहिन्द फीडर के 17 किलोमीटर लम्बे हिस्से की रीलाईनिंग का काम मुकम्मल कर लिया है और 18 जनवरी से 22 फरवरी, 2021 तक नहरी बंदी के दौरान रीलाईनिंग का बाकी काम मुकम्मल कर लिया जायेगा।

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इस प्रोजैक्ट पर कुल लागत 671.478 करोड़ रुपए आयेगी।पंजाब के जल स्रोत मंत्री सुखबिन्दर सिंह सरकारिया ने आज यहाँ पंजाब भवन में एक प्रैस कॉन्फ्ऱेंस को संबोधित करते हुए कहा कि राजस्थान फीडर की रीलाईनिंग का काम क्रमवार दो नहरी बंदियों के दौरान किया जायेगा, अर्थात 2021-22 और 2022-23 में प्रस्तावित लंबाई 47 किलोमीटर और 49 किलोमीटर की रीलाईनिंग का काम मुकम्मल किया जायेगा। उन्होंने आगे कहा कि यह प्रोजैक्ट पानी के रिसाव को रोकेंगे जिससे राज्य के दक्षिण-पश्चिमी जिलों में सेम की समस्या का हल होने के साथ-साथ नहरी सिंचाई की कार्यकुशलता बढ़ेगी।इसके अलावा, जल स्रोत विभाग की तरफ से 2020 दौरान 7000 किलोमीटर डिस्ट्रीब्यूटरीज़ /माईनरज़ की सफ़ाई के लिए 30 करोड़ रुपए ख़र्च किये गए ताकि टेल पर पड़ते इलाके वाले किसानों को पानी मुहैया करवाया जा सके। साल 2020 में 2020 किलोमीटर लम्बे सेम नालों को कुल 8136 करोड़ रुपए की लागत से साफ़ किया गया और 48 बाढ़ रोकथाम कार्यों को 24 करोड़ रुपए की लागत के साथ मुकम्मल किया गया।दोआबा क्षेत्र को लाभ देने के लिए, 462.57 करोड़ रुपए की लागत से बिसत दोआब केनाल सिस्टम के रिहैबिलिटेशन प्रोजैक्ट को मंजूरी दी गई और 2021 में यह काम पूरा होने की संभावना है।

मंत्री ने कहा कि कंडी नहर चरण-2 (होशियारपुर से बलाचौर) का काम 90.53 फ़ीसदी पूरा हो गया है और इसके मुकम्मल होने के बाद यह जि़ला होशियारपुर और एस.बी.एस नगर के 218 गाँवों के 29527 हेक्टेयर क्षेत्रफल में सिंचाई सुविधाएं मुहैया करवाएगा।  सरकारिया ने बताया कि श्री आनंदपुर साहिब के लिए सिंचाई सहूलतें मुहैया करवाने के लिए 24.52 करोड़ रुपए की लागत वाली दो लिफ्ट स्कीमों को मंजूरी दी गई है। वित्तीय वर्ष 2020 -21 के दौरान जिला गुरदासपुर और अमृतसर में लाहौर ब्रांच सिस्टम और इससे सम्बन्धित कामों पर 327 करोड़ रुपए के साथ रीहैबलीटेशन, नवीनीकरण और आधुनिकीकरन किया जायेगा। मंत्री ने कहा कि इस प्रोजैक्ट से लगभग 150 गाँवों को लाभ मिलेगा।उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने राज्य के जल स्रोतों की संभाल और प्रभावशाली प्रबंधन के लिए पंजाब वाटर रैगूलेशन एंड डिवैल्पमैंट अथॉरिटी (पीडब्ल्यूआरडीए) का गठन किया है।बेहतर सिंचाई सहूलतों के लिए विशेष प्रोजैक्टस. सरकारिया ने बताया कि कोटला ब्रांच पार्ट -2 सिस्टम पर फील्ड चैनलों के निर्माण के लिए 477.19 करोड़ रुपए की लागत वाले एक प्रोजैकट पर काम जारी है और इसके 31 -03 -2022 तक पूरा होने की संभावना है। इस प्रोजैक्ट के मुकम्मल होने से 142658 हेक्टेयर क्षेत्रफल को बेहतर सिंचाई सहूलतों के अधीन लाया जायेगा।

मंत्री ने आगे कहा कि पंजाब के 4 जिलों के 6 ब्लाकों में 30.21 करोड़ रुपए की लागत से 72 और गहरे ट्यूबवैल लगाने के लिए एक प्रोजैक्ट प्रक्रिया अधीन है। यह प्रोजैक्ट 31-03-2021 तक पूरा हो जायेगा और इससे 3600 हेक्टेयर क्षेत्रफल को सिंचाई सुविधा मिलेगी। उन्होंने आगे कहा कि विभाग ने अलग-अलग ब्लाकों में सिंचाई के मकसद के लिए एस.ए.एस. नगर, रूपनगर, एस.बी.एस. नगर, होशियारपुर और पठानकोट जिलों के तटीय क्षेत्र को 195.91 करोड़ रुपए की लागत से 502 नये गहरे ट्यूबवैल लगाने के लिए एक और प्रोजैक्ट लाया गया है। यह प्रोजैक्ट मौजूदा वित्तीय वर्ष के दौरान लगाया जायेगा और इसके दो सालों में पूरा होने की संभावना है। इस प्रोजैक्ट के मुकम्मल होने पर 21028 हेक्टेयर क्षेत्रफल को सिंचाई के तहत लाया जा सकेगा।शाहपुरकंडी मैन डैम का 60 फीसदी काम मुकम्मलस. सरकारिया ने कहा कि जल स्रोत विभाग ने 2020 वर्ष के दौरान कोविड संकट के बावजूद शाहपुरकंडी मैन डैम का 60 फीसदी काम मुकम्मल कर लिया है।

उम्मीद है कि इस प्रोजैक्ट से साल 2023 में बिजली उत्पादन शुरू हो जायेगा, उन्होंने कहा कि पूरा होने पर यह प्रोजैक्ट 208 मेगावाट बिजली पैदा करेगा और इसके साथ ही रणजीत सागर डैम भी पीकिंग स्टेशन के तौर पर चलेगा। उन्होंने कहा कि इससे पंजाब और जम्मू कश्मीर के 37,000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में सिंचाई सुविधा मिलेगी। पावर हाऊस का काम जनवरी 2021 में शुरू किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस प्रोजैक्ट से 800 करोड़ रुपए (शाहपुरकंडी का बिजली उत्पादन और आरएसडी के पीकिंग से 475 करोड़ रुपए, यूबीडीसी से 144 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बिजली लाभ और यूबीडीसी सिस्टम में सिंचाई के लिए 228 करोड़ रुपए) का लाभ होगा।खनन विभाग शुरू करेगा वैब पोर्टल, लोग ऑनलाइन खरीद सकेंगे रेत/बजरी माइनिंग की गतिविधियों की बेहतर निगरानी के लिए पंजाब के खनन और भू-विज्ञान मंत्री स. सरकारिया ने कहा कि विभाग एक वैब पोर्टल तैयार कर रहा है जिसको जल्दी ही लांच किया जायेगा। इस पोर्टल के द्वारा उपभोक्ता अपनी पसंद की माइनिंग साईटों से 9/ सी.एफ.टी. की नोटीफायी दर पर आनलाइन रेत/बजरी खरीद सकेंगे।

कारोबार को आसान बनाने की पहलकदमी के अंतर्गत विभाग ने अलग-अलग मंजूरियों (जैसे मिट्टी की खुदाई के साथ-साथ बी.के.ओ. के लिए आज्ञा, करस्शरज की रजिस्ट्रेशन आदि) भी आनलाइन जारी करने की व्यवस्था की है।मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने रेत खनन के क्षेत्र में पारदर्शिता लाने के लिए पंजाब रेत और बजरी नीति, 2018 तैयार की है। इस नीति के अंतर्गत राज्य सरकार की तरफ से प्रगतिशील बोली के द्वारा रणनीतक ढंग के साथ स्थापित समूहों में माइनिंग ब्लाकों की नीलामी करके ठेका देती है।मंत्री ने बताया कि विभाग ने मई-जून 2019 में माइनिंग ब्लाकों की नीलामी की थी और ई-ऑकशन के द्वारा सात माइनिंग ब्लाकों में 350 लाख मीट्रिक टन सालाना खनन वाली 196 माइनिंग साईटें अलाट की थीं।

इस समझौतेे से साल 2019-20 और 2020-21 (31 दिसंबर, 2020 तक) तक क्रमवार 110 करोड़ रुपए और 105 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है। इस साल मार्च तक खनन से 80 करोड़ रुपए अतिरिक्त आने की संभावना है।पंजाब सरकार ने यह भी फैसला किया है कि राज्य में बड़े दरियाओं की निरंतर साफ-सफाई (डीसिलटिंग) के लिए सम्बन्धित माइनिंग ब्लाकों के मौजूदा ठेकेदारों को यह काम अलाट किया जायेगा। उन्होंने कहा कि जल स्रोत विभाग के ड्रेनेज विंग ने 6 ब्लॉकों में 78 डीसिलटिंग साईटों की पहचान की है जिनमें 274.22 लाख मीट्रिक टन खनन/खनिज पदार्थ हैं।

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