होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़): श्री नंद अन्नपूर्णा मंदिर एकता नगर में चल रही श्री मद्भागवत कथा के पांचवें दिन आचार्य धीरज कृष्ण शास्त्री ने भगवान की बाल्य काल लीलाओं का वर्णन किया और उपस्थित श्रद्धालुओं को बताया कि भगवान की बाल लीलाएं शिक्षाओं से भरपूर हैं। उन्होंने नन्द महामहोत्सव के 18 श्लोक पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला और पूतना उद्धार का वर्णन किया गया। भोलेनाथ प्रभु बाल कृष्ण लाल का दर्शन करने पधारे कथा प्रसंग में प्रभु का नामकरण हुआ, रूप गुण एवं बल के आधार पर प्रभु के अनेको नाम मनमोहन कृष्णा माधव, गिरधारी, कान्हा, नवलकिशोर साँवरा रखे गए।
उन्होंने धर्मप्रनियों से भरे सभागार में गोकुल से वृंदावन गमन का चरित्र वर्णन करते हुए बताया कि अपने स्वर्ग सी संपदा छोडक़र नंद बाबा गोकुल से वृंदावन आ गए। आचार्य धीरज ने कहा कि हम भक्ति तो करते हैं लेकिन त्याग नहीं करते। वकासुर, वत्सासुर व अघासुर के वध की लीलाओं को सुनाया। प्रभु गोपाल ने चीर घाट पर गोपीजनों के वस्त्र के हरण के प्रति विस्तार से वर्णन हुआ। प्रभु गिरधारी ने कथा के विश्राम प्रसंग में गिरिराज धारण किया एवम प्रभु को छप्पन भोग लगाया गया। इस मौके पर केवल खन्ना एवं सुषमा खन्ना मुख्य यजमान के तौर पर उपस्थित हुए।
इस मौके पर अन्य के अलावा प्रधान रमेश अग्रवाल, महासचिव तरसेम मोदगिल, भारत विकास परिषद के अध्यक्ष प्रमुख समाज सेवी संजीव अरोड़ा, मुकेश डावर मिंटू, मोहन लाल पहलवान, विकास सिंगला, सतीश अग्रवाल, संजीव सर्राफ, विजय सेठ, योगेश गुप्ता, रोहित जोशी, राजेन्द्र मोदगिल, मुकेश डाबर, कमल वर्मा, अशोक शर्मा, सुभाष अग्रवाल, नील शर्मा, मनोज दत्ता, जगदीश हरजाई, दविंदर वालिया गुरुजी, विशाल वालिया, राजीव शर्मा, रामेश गम्भीर इत्यादि मौजूद थे।