दुकानदारों, होटलों, ढाबों, दूध वालों, रेहड़ी वालों आदि के लिए पंजीकरण या लाइसेंस लेना आवश्यक:डॉ. लखवीर

होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)। जिला मनोनीत अधिकारी खाद्य सुरक्षा डॉ. लखवीर सिंह ने मिशन तंदुरुस्त पंजाब के तहत लोगों को शुद्ध भोजन उपलब्ध कराने के संबंध में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम भारत के तहत जानकारी देते हुए कहा कि दुकानदारों, होटलों, ढाबों, दूध वालों, रेहड़ी वालों आदि के लिए पंजीकरण या लाइसेंस लेना आवश्यक है और यदि किसी खाद्य व्यवसाय संचालक ने आज तक पंजीकरण या लाइसेंस नहीं लिया है तो उन्हें खाद्य सुरक्षा विंग कार्यालय सिविल सर्जन से संपर्क करना चाहिए।

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इस बारे में और जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि पंजाब में जिन खाद्य व्यवसाय संचालकों ने पंजीकरण या लाइसेंस प्राप्त किया है, उन्हें पंजीकरण या लाइसेंस की एक प्रति फ्रेम करवाकर अपने बिक्री केंद्र पर डिस्प्ले करनी होगी। उन्होंने कहा कि जिन दुकानदारों का सालाना कारोबार 12 लाख से कम है उन्हें पंजीकरण करवाना जबकि 12 लाख से अधिक कारोबार करने वाले खाद्य संचालकों के लिए लाइसेंस लेना जरूरी है। पंजीकरण शुल्क 100 रुपये प्रति वर्ष और लाइसेंस शुल्क 2000 रुपये प्रति वर्ष है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जिन वेंडरों ने लाइसेंस के लिए आवेदन किया है, उन्हें बिना किसी झंझट के आवश्यक दस्तावेजों को पूरा करने और देय सरकारी शुल्क का भुगतान करने के बाद तुरंत जारी किया जाएगा।

डॉ. लखवीर सिंह ने कहा कि शहर में डेयरियों और दूध के कामों की संख्या बहुत अधिक है, लेकिन पंजीकरण और लाइसेंस की संख्या बहुत कम है। उन्होंने कहा कि कोई भी खाद्य विक्रेता जिसके पास लाइसेंस नहीं है, उसे धारा 63 के तहत 5 लाख रुपये तक के जुर्माने या 6 महीने तक की कैद का प्रावधान है। उन्होंने सभी खाद्य व्यवसायियों को एफएसएसएआई अधिनियम का पालन करने और लोगों को शुद्ध और स्वच्छ भोजन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए ताकि लोगों के स्वास्थ्य से समझौता न हो। उन्होंने कहा कि इन नियमों का पालन नहीं करने वाले खाद्य विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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