होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। 2 जनवरी 2018 को देशभर के एलोपैथिक डाक्टर राष्ट्रीय मैडीकल कमीशन बिल जोकि लोकसभा के पटल पर रखा गया है के खिलाफ राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर हैं। इस बिल से स्वास्थ्य सेवाओं पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। इस बिल में प्रावधान है कि कोई भी आयुर्वेद व होमियोपैथिक डाक्टर 6 महीने का एक कोर्स करके एलोपैथिक दवाएं लिख सकेंगे और वह इस तरह वह एम.बी.बी.एस. डाक्टर के बराबर हो जाएंगे।
एक तरफ एम.बी.बी.एस. डाक्टर को एम.बी.बी.एस. पास करने के बाद भी काम करने के लिए एक और परीक्षा देनी पड़ेगी पर आयुर्वेद व होमियोपैथिक डाक्टर बारे ऐसा नहीं है। यह कमीशन पूरी तरह से सरकारी कमीशन होगा जोकि एक चुनी हुई मैडीकल कोंसिल की जगह लेगा। स्वास्थ्य सेवाएं राज्य का विषय है और हर एक राज्य की अपनी-अपनी समस्याएं हैं परंतु इस रेगुलेटरी संस्था में राज्य सरकारों की भागीदारी न बराबर ही होगी।
इस बिल के लागू होने के बाद मैडीकल शिक्षा बहुत महंगी हो जाएगी और इससे मैडीकल शिक्षा में भ्रष्ट्राचार बढ़ेगा और आम आदमी को बुरी तरह से इसकी मार झेलनी पड़ेगी। आई.एम.ए. इस बिल को इस रुप में इसका पुरजोर विरोध करती है और अगर केंद्रीय सरकार इस बिल को वापस नहीं लेती तो आई.एम.ए. आंदोलन बढ़ाने पर मजबूर होगी।
इस अवसर पर राज्य प्रधान डा. रजिंदर शर्मा, सचिव डा. नवजोत दहिया, महासचिव डा. नरेश सूद, डा. आर.एल. तनेजा, डा. जतिंदर कौशल, डा. एस.एस. वालिया, डा. आर.पी. सिंह, डा. ए.एस. चावला, डा. केशव सूद, डा. विशाल चोपड़ा, डा. एन.एस. नेकी, डा. दीपक पराशर, डा. केशव सूद, डा. एन.सी. राणा, डा. रजिंदर शर्मा, डा. एस.पी.एस., डा. केशव सूद, डा.जी.एस. गिल, डा. ओ.पी.एस., डा. अमरीक सिंह, डा. आर.सी. गरग आदि मौजूद थे।