सीएए पर विवाद में पाकिस्तान के खटक से आई खतीजा प्रवीण को मिली भारत की नागरिकता

जम्मू/राजौरी (द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: अनिल भारद्वाज। पाकिस्तानी महिला का विवाह करीब चालीस साल पहले सीमावर्ती जिला पुंछ निवासी मो. ताज से हुए था। शादी से पहले ताज पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के जिला अटक हेजरो में अपने ताया फते खान से मिलने अपने अब्बू जान खान मोहम्मद सहित परिवार के अन्य सदस्यों के साथ पाकिस्तान गया था। 1947 के भारत-पाकिस्तान बटवारें में मोहम्मद ताज व फते खान बिछड़ गए थे।

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-जम्मू कश्मीर के पुंछ में मिला नागरिकता का सर्टिफिकेट

आपस में मिलने की अंदरूनी चाह थी उधर दो भाई क्या मिले खतीजा और ताज का दिल मिल बैठा। खतीजा प्रवीण की नजर को मोहम्मद ताज बा ( पसंद) गया और उस समय 24 वर्षीय ताज भी भरी जवाबी में था कुछ दिनों में ही दो दिल मिल बैठे और तया फते खान की यही चाहते थे कि खतीजा बच्ची का निकाह अपने भाई खान मो. के बच्चे ताज से हो। रिश्तेदारों की रजामंदी से 1980 में ( विवाह) निकाह हो गई। 1983 में वीजा पर पाकिस्तान से खतीजा को लेकर पुंछ आया। खतीजा के घर आते ही मोहम्मद ताज मास्टर बन बैठे। वह स्कूलों के बच्चों को आपसी भाईचारा व प्रेम से रहने का संदेश देते। खतीजा का वीजा अवधि खत्म होने से पहले उसे आगे बढ़ा देते। वह ऐसा लगातार करते रहे और खतीजा भारत ही रही।

खतीजा प्रवीण और ताज दोनों के तीन बच्चे भी है जिनमें दो बेटियां व एक बेटा है। वह आज भारतीय नागरिकता का दर्जा पाकर बहुत खुश हुई है। इसी साल के बीते माह नवंबर में  सरकारी शिक्षक के पद सेवानिवृत्त हुए हैं।

खतीजा प्रवीण पत्नी मोहम्मद ताज को भारतीय नागरिकता प्रदान करने वाले पंजीकरण का प्रमाण पत्र आज डीसी कार्यालय कक्ष में डीडीसी पुंछ राहुल यादव द्वारा उन्हें सौंपा गया।
खतीजा प्रवीण जिनका जन्म पाकिस्तान में हुआ था, को नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 5 (1) (सी) के तहत एक भारतीय से विवाह के आधार पर भारतीय नागरिकता प्रदान की गई।

खतीजा प्रवीण ने अपने पति के साथ भारत सरकार के गृह मंत्रालय (नई दिल्ली) से पंजीकरण प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए सरकार का बहुत खुशी और आभार व्यक्त किया है।
इस सब विरोध के बीच केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के अंतर्गत पुंछ में पाकिस्तान से आई एक महिला को भारत की नागरिकता दे दी गई है। पाकिस्तान से वापस लौटकर भारत आईं खतीजा प्रवीण ने सन 2000 में नागरिकता के लिए अप्लाई किया था, जिसके बाद अब उन्हें नागरिकता मिली है।

देश में नागरिकता संशोधन एक्ट का हो रहा है विरोध

देशभर में इन दिनों नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन जारी है। इस कानून को संविधान के खिलाफ बताकर विपक्षी पार्टियां इसका विरोध कर रही हैं। इस सब विरोध के बीच जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान से आई एक महिला को भारत की नागरिकता दे दी गई है। करीब बीस साल पहले सन 2000 में नागरिकता के लिए अप्लाई किया था, जिसके बाद अब उन्हें नागरिकता मिली है। जिससे पूरा परिवार खुश है

नागरिकता कानून का हो रहा है विरोध

बता दें कि भारत सरकार के द्वारा हाल ही में नागरिकता संशोधन एक्ट लागू किया गया है, जिसकी वजह से देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन जारी है। विपक्षी पार्टियां इस बात का विरोध कर रही हैं कि यह कानून संविधान के आर्टिकल 14 का उल्लंघन करता है और इसके साथ ही कई अन्य बातों का भी उल्लंघन करता है। विपक्ष का आरोप यह भी है कि केंद्र सरकार का यह कानून देश में अल्पसंख्यकों के प्रति भय पैदा करता है। बता दें कि नागरिकता संशोधन एक्ट के तहत अफगानिस्तान, बांग्लादेश, पाकिस्तान से आने वाले हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख, ईसाई, पारसी शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दी जाएगी।

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