होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: मुक्ता वालिया। प्रदेश में कोरोनावायरस के चलते करफ्र्यू लगे होने के बावजूद शिक्षा विभाग के सचिव माननीय कृष्ण कुमार तथा जिला शिक्षा अधिकारी मोहन सिंह लेहल के मार्गदर्शन में नए सेशन की शुरुआत अध्यापकों द्वारा सोशल मीडिया के प्रयोग से कर दी गई। इस संबंध में अध्यापकों ने बच्चों को अपने-अपने विषय का सिलेबस तथा उससे संबंधित अन्य जानकारी व्हाट्सऐप के माध्यम से उनके ग्रुपों में डाल दी।
इतना ही नहीं अध्यापकों ने अपने-अपने विषय के पहले अध्याय से संबंधित 1-2 महत्वपूर्ण प्रशन व्हाट्सएप पर ही बच्चों को बताएं। चाहे एक प्रश्न के लिए उन्हें 12 से 15 मिनट तक लगाने पड़े पर उन्होंने सभी बच्चों को पहले दिन से ही एहसास करा दिया कि घर में रहकर भी पढ़ाई की जा सकती है। सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल चोहाल के हिस्ट्री लेक्चरर संदीप कुमार सूद ने बताया कि अधिकारियों के निर्देशों का पालन करते हुए उन्होंने आज 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को पंजाब के इतिहास के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अलग-अलग समय के दौरान पंजाब को किन किन नाम से पुकारा जाता था तथा इसकी भौगोलिक विशेषताएं क्या हैं।
उन्होंने बताया कि इस बार विषय को पढ़ाते हुए उन्हें ऐसा अनुभव हुआ जैसे कि वह कक्षा में पढ़ा रहे हो और बच्चे उनके सामने बैठे हो। उन्होंने कहा कि अध्यापक व बच्चों का रिश्ता इतना गहरा होता है कि वे एक दूसरे के भावों को अच्छी तरह से समझते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा सचिव जी के इस प्रयास का बहुत दूरगामी प्रभाव होगा और इससे परीक्षा परिणाम बेहतर बनाने में अथवा शत-प्रतिशत बनाने में बहुत मदद मिलेगी। इसी तरह सरकारी हाई स्कूल फुगलाना के हिंदी मास्टर सरजू सूरी ने कहा कि उन्होंने बच्चों को सोशल मीडिया के माध्यम से हिंदी के सिलेबस के बारे में जानकारी दी तथा उसकी प्रारंभिक बातों के बारे में बच्चों को बताया।
उन्होंने कहा कि इसके लिए उन्होंने न केवल दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों को विषय की जानकारी दी बल्कि अन्य कक्षाओं के बच्चों को भी हिंदी के बारे में उनके सिलेबस से संबंधित व्याकरण आदि से उन्हें अवगत करवाया। सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल माहिलपुर के हिस्ट्री लेक्चरर मनदीप सिंह ने भी बच्चों को पूरे वर्ष के दौरान करवाए जाने वाले सिलेबस तथा उनकी मासिक बांट के बारे में जानकारी दी तथा बच्चों से अनुरोध किया कि वह रोज बताए जाने वाले काम को हर रोज ही करें ताकि आगे चलकर उन्हें कोई मुश्किल पेश ना आए।
इस बारे में शिक्षा सुधार कमेटी के इंचार्ज प्रिंसिपल शैलेंद्र ठाकुर ने कहा कि विभाग का बच्चों को घर बैठे ही सिलेबस करवाने का प्रयास अपने आप में एक अनूठी उदाहरण है। उन्होंने कहा कि इससे बच्चे की पढ़ाई पीछे नहीं जाएगी और जैसे ही हालात ठीक होंगे तथा स्कूल खुलेंगे उसका सिलेबस अप टू डेट होगा तथा वह किसी भी परीक्षा के लिए अथवा टेस्ट के लिए अपने आपको तैयार रखेगा। उन्होंने ऐसा प्रयास करने वाले जिले के सभी अध्यापकों की सराहना की।