स्वतंत्रता दिवस के रंग में रंगा जम्मू-कश्मीर: कई जगहों पर पहली बार फहराया गया राष्ट्रीयध्वज

जम्मू/राजौरी (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: अनिल भारद्वाज। जम्मू-कश्मीर में जश्न-ए-आजादी का दिवस धूमधाम के साथ मनाया गया पर कोरोना महामारी के मद्देनजऱ सादे कार्यक्रम का आयोजन हुआ। अंतरराष्ट्रीय सीमा व नियंत्रण सीमा के साथ लगते गांव भी ध्वजारोहण के साथ भारत माता के जयघोष से गूंजे। 14 हजार फीट की ऊंचाई पर लद्दाख में पैंगोंग त्सो नदी के तट पर जवानों ने तिरंगा झंडा फहराया। कोविड-19 के मौजूदा हालात के चलते संस्कृतिक व कईं जगह परेड का आयोजन नहीं हो पाया।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम में 74 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर तिरंगा फहराया। उपराज्यपाल ने परेड का निरीक्षण किया और सलामी ली। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत की ताकत का ट्रेलर दुनिया ने लद्धाख मर देखा है। 2019 के संवैधानिक परिवर्तन से जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति और विकास के एक नए युग की शुरुआत हुई है। उपराज्यपाल ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर की तस्वीर बदलने के लिए पांच मंत्र तय किए गए हैं। जिनमें विकास, शांति, प्रगति, पारदर्शिता और सामाजिक सद्भाव शामिल हैं।

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लोगों ने कहा ,जब तक जिस्म में एक-एक कतरा खून रहेगा हम तिरंगा फहराते रहेंगे

इसके साथ ही उपराज्यपाल ने कोरोना महामारी से लोगों को बचाने में जुटे चिकित्सा कर्मियों (कोरोना वारियर्स) को अब 25 लाख का अतिरिक्त अनुग्रह बीमा कवर की घोषणा भी की। इससे पहले चिकित्सा कर्मचारियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज, बीमा योजना के तहत 50 लाख का कवर दिया जा रहा था। अब कोरोना से चिकित्सा कर्मचारियों की मौत पर उनके परिजनों को 75 लाख रुपये का बीमा कवर मिलेगा।

उपराज्यपाल सिन्हा ने स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि यह दिन हमें अपने देश की स्वतंत्रता और अखंडता के संरक्षण और सुरक्षा के लिए प्रेरित करता है। साथ ही गरीबी मुक्त, बीमारी मुक्त और अशिक्षा मुक्त समाज का निर्माण करता है। उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर के लोगों ने विभाजन के दौरान राष्ट्रीय एकीकरण को बरकरार रखा था। यह स्थान ब्रिगेडियर राजिंदर सिंह और ब्रिगेडियर उस्मान जैसे बहादुरों के लिए याद किया जाता है। ऋषि कश्यप, पैगंबर मोहम्मद, गुरु नानक और बुद्ध को याद करते हुए उन्होंने कहा कि हमें धार्मिक समावेश की इस विरासत को आगे बढ़ाना होगा। उपराज्यपाल ने कल्हण की राजतरंगिणी से लेकर शंकराचार्य के अद्वैत तक, सूफी इस्लाम, महायान के बौद्ध दर्शन के लिए जम्मू-कश्मीर की परंपरा को याद किया, जो इस भूमि के निवासियों में शांतिपूर्ण और समकालिक सह-अस्तित्व में परिलक्षित होता है। उन्होंने कहा कि युवाओं में परिवर्तन की शक्ति है। भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा व नियंत्रण सीमा के साथ लगते गांवों के लोगों में उत्साह देखा गया लोगों ने अपने घरों के छतों पर तिरंगा लहराया। कश्मीर के हंदवाड़ा व बारामुला व अन्य हिस्सों में इतिहास में पहली बार स्वतंत्रता दिवस मनाया गया।

हंदवाड़ा में इतिहास में पहली बार फ्लैग मार्च निकाला गया व जावेद कुरेशी ने मुख्य चौक में राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया। बारामुला नगर परिषद के अध्यक्ष में उमर अजहर ने राष्ट्रीय तिरंगा फहराया। इतिहास में पहली बार राष्ट्रीय ध्वज फहराते कहा कि जब तक जिस्म में एक-एक कतरा खून रहेगा हम तिरंगा फहराते रहेंगे। और हम हिन्दोस्तानी और हिन्दोस्तान हमारा है जय घोष लगाए। सीमावर्ती जिला राजौरी का मुख्य कार्यक्रम डीपीएल राजौरी में आयोजित परेड की सलामी डीएम राजौरी नजीर अहमद शेख ने ली और कार्यक्रम को संबोधित किया इस मौके पर डीआईजी पुलिस रेंज राजौरी-पूंछ व जम्मू सांबा , कठुआ विवेक गुप्ता , एसएसपी राजौरी चंदन कोहली , एडीसी शेर सिंह , विभिन्न पार्टियों के नेता मौजूद थे वहीं जिला पुंछ में 74वां स्वतंत्रता दिवस धूमधाम के साथ मनाया गया। नियंत्रण रेखा पर तैनात जवानों ने ध्वजारोहण के साथ भारत माता के जयघोष लगाकर स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी। राहुल यादव डीएम पुंछ ने परेड की सलामी ली और ध्वजारोहण लहराया। राजौरी के उपजिला कोटरंका बीडीसी चैयरमेन जावेद इकबाल चौधरी ने ध्वजारोहण कर परेड की सलामी ली। और राष्ट्रीय एकता का संदेश दिया। सांबा के सीमावर्ती क्षेत्र गांव चक बागला में मुस्लिम समुदाय ने स्वतंत्रता दिवस मनाया।

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