निजी अस्पतालों में “आयुष्मान” घोटाला, होशियारपुर के नामी अस्पताल भी शामिल, विजीलैंस ब्यूरो की जांच जारी

पंजाब प्रदेश में कुछेक निजी अस्पतालों में आयुष्मान योजना के तहत क्लेम लेने के मामलों में घोटाला सामने आया है। विजीलैंस ब्यूरों ने इस मामले का पर्दाफाश करते हुए जांच शुरु कर दी है। वहीं अधिकारित इफको टोकियो बीमा कंपनी द्वारा सरकारी अस्पतालों के बीमा क्लेम बड़ी संख्या में रद्द किए जाने से सरकारी ख्जाने को भी करोड़ों रुपये का घाटा पड़ा है।
विजीलैंस ब्यूरो के मुख्य डायरैक्टर व डीजीपी बीके उप्पल ने बताया कि इस घोटाले की हर पक्ष से बारीकी से जांच करने के लिए विजीलैंस इंक्वायरी मार्क की गई है ताकि निजी अस्पतालों द्वारा योजना के तहत की जा रही घपलेबाजी की गहराई तक जांच हो सके। इसके साथ ही सरकारी अस्पतालों के बीमा क्लेम रद्द किए जाने की भी जांच शुरु कर दी गई है।
श्री उप्पल के अनुसार एसपी जालंधर रेंज दलजिंदर सिंह ढिल्लो द्वारा प्राथमिकी जांच में सामने आया है कि होशियारपुर, जालंधर एवं कपूरथला के कई बड़े एवं नामी अस्पतालों द्वारा योजना के तहत फर्जी डाक्टरी बिल बनाकर क्लेम हासिल किए जा रहे हैं। इन तीनों जिलों में 35 सरकारी अस्पतालों और 77 निजी अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया है।

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श्री उप्पल ने और विवरण देते हुए बताया कि प्राथमिक जाँच के दौरान यह बात सामने आई है कि जि़ला कपूरथला के सुल्तानपुर लोधी कस्बे में चल रहे एक नामी अस्पताल (जाँच प्रभावित न हो इस कारण नाम नहीं दिया जा रहा) ने इस साल के दौरान करीब 1282 व्यक्तियों के इलाज के लिए कुल 4,43,98,450 रुपए (चार करोड़ तेतालिस लाख अट्ठावन हज़ार चार सौ पचास रुपए) का बीमा क्लेम किया गया, जिसमें से इस अस्पताल के 519 दावे रद्द हो गए और बाकी बचे मामलों में से कुल 4,23,48,050 रुपए (चार करोड़ तेईस लाख अड़तालिस हज़ार पचास रुपए) के दावे स्टेट हैल्थ अथॉरिटी पंजाब द्वारा पास किए गए हैं। पास हुई इस राशि 4,43,98,450 रुपए में से अब तक 1,86,59,150 रुपए (एक करोड़ छियासी लाख उनसठ हज़ार एक सौ पचास रुपए) की रकम की अदायगी बीमा कंपनी ‘इफको टोकियो’ द्वारा उक्त अस्पताल को की जा चुकी है।

जाँच अधीन अस्पताल की पोल खोलते हुए उन्होंने बताया कि इस नामी अस्पताल द्वारा उक्त योजना के अंतर्गत एक मरीज़ के इलाज के बदले उसके परिवार के अन्य व्यक्तियों का दाखि़ला अस्पताल में दिखा कर झूठे बीमा क्लेम हासिल किए गए हैं। प्राथमिक जाँच के अनुसार परमजीत कौर निवासी गाँव टुरना जि़ला जालंधर तारीख़ 13.09.2019 को इस अस्पताल में पित्ताश्य की पथरी का ऑपरेशन कराने के लिए दाखि़ल हुई थी, परंतु कुछ निजी कारणों से उसकी तरफ से अपने पित्ताश्य की पथरी का ऑपरेशन नहीं करवाया गया और बिना ऑपरेशन करवाए अपने घर चली गई थी। परंतु इस अस्पताल द्वारा उक्त मरीज़ के ऑपरेशन का 22,000 रुपए का आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना के अधीन फज़ऱ्ी बिल तैयार करके इफको टोकियो से दावा हासिल कर लिया गया। इसी तरह के एक अन्य केस में श्रीमती सुखविन्दर कौर निवासी सिद्धूपुर पित्ताश्य की पत्थरियों का ऑपरेशन कराने के लिए इसी नामी अस्पताल में दाखि़ल हुई।

उसने पंजाब सरकार द्वारा जारी हुआ अपना स्मार्ट हैल्थ कार्ड अस्पताल में दिया परंतु अस्पताल के संचालक ने कहा कि एक कार्ड के साथ आपका इलाज नहीं हो सकता, या तो आपको पहले 25000 रुपए नगद जमा करवाने होंगे या 6 से 7 स्मार्ट कार्ड लाकर दें, तभी इलाज शुरू हो सकता है। सुखविन्दर कौर के परिवार को मजबूरी में अपने परिवार के तीन अन्य सदस्यों के स्मार्ट कार्ड इस अस्पताल में जमा करवा दिए, जिसके बाद उक्त अस्पताल द्वारा सुखविन्दर कौर के पीत्ताश्य की पथरी का इलाज शुरू किया गया। इस अस्पताल के प्रबंधकों ने अपनी घपलेबाज़ी को छिपाने के लिए सुखविन्दर कौर के पारिवारिक सदस्यों (जिनके हैल्थ स्मार्ट कार्ड लिए थे) को अस्पताल के बैड पर लेटाकर वीडियो भी बनाई गई और उनसे कोरे कागज़ों पर दस्तखत करवाए और कहा कि यदि कोई फ़ोन आए तो कहना कि हमारा ऑपरेशन हुआ है, जबकि उन तीनों को कोई बीमारी भी नहीं थी। जाँच के मुताबिक अस्पताल द्वारा सुखविन्दर कौर और उसके परिवार के सदस्यों का भी ऑपरेशन किया जाना है यह दिखा कर 25000/25000 हज़ार का दावा किया गया। जिससे यह शक ज़ाहिर होता है कि इस अस्पताल द्वारा आयुष्मान भारत सेहत बीमा योजना में बड़े स्तर पर घोटाला किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसी कड़ी में जि़ला जालंधर, होशियारपुर और कपूरथला के नामी प्राईवेट अस्पतालों द्वारा बड़े स्तर पर इस तरह के फजऱ्ीवाड़े को अंजाम देकर इफको टोकियो बीमा कंपनी से नकली क्लेम हासिल किए गए हैं और किए जा रहे हैं। 

प्राप्त आंकड़ों से और ठोस जानकारी के अनुसार जालंधर, होशियारपुर और कपूरथला जि़ले के 77 प्राईवेट अस्पतालों के 4,828 दावा इफको टोकियो हैल्थ इंशोरैंस कंपनी द्वारा पिछले एक साल के दौरान संदिग्ध होने पर रद्द किए गए हैं। इन रद्द किए गए दावों की कुल राशि 5,59,96,407 (पाँच करोड़ उनसठ लाख छयानवे हज़ार चार सौ सात रुपए) बनती है। इतने बड़े स्तर पर इन दावों का संदिग्ध होना विजीलैंस ब्यूरो की जाँच के दायरे में लाया गया है।   इसके अलावा जालंधर, होशियारपुर और कपूरथला जि़ले के 35 सरकारी अस्पतालों के 1,015 दावे इफको टोकियो हैल्थ इंशोरैंस कंपनी द्वारा पिछले एक साल के दौरान रद्द किए गए हैं। इन रद्द हुए दावों की कुल राशि 52,06,500 (बावन लाख छह हज़ार पाँच सौ रुपए) बनती है। सरकारी अस्पतालों में किए गए इलाज के क्लेम रद्द होना भी अपने आप में हैरानी भरा है, क्योंकि सरकारी अस्पतालों में किए गए इलाज का क्लेम किसी व्यक्ति विशेष को न जाकर राज्य सरकार के खाते में जाता है। श्री उप्पल ने बताया कि इस जाँच के दौरान यह बात भी सामने आई है कि इफको टोकियो बीमा कंपनी द्वारा जि़ला जालंधर, होशियारपुर और कपूरथला के कई सरकारी अस्पतालों के बीमा क्लेम सम्बन्धी जि़ला डिप्टी मैडीकल कमिश्नरों और सरकारी डॉक्टरों की लापरवाही के कारण भारी मात्रा में रद्द किए गए हैं, जिसका मुख्य कारण बीमा कंपनी द्वारा सरकारी अस्पतालों के क्लेम रद्द करके कम से कम राशि बतौर क्लेम सरकारी अस्पतालों के खातों में न डालना और अधिक से अधिक अनचाहा वित्तीय लाभ लेना हो सकता है।

ऐसा होने के कारण पिछले करीब एक साल के दौरान अब तक कुल 52,06,500 रुपए (बावन लाख छह हज़ार पाँच सौ रुपए) की राशि जोकि पंजाब सरकार को बतौर दावा मिलनी चाहिए थी, नहीं मिली है और स्टेट हैल्थ अथॉरिटी की लापरवाही के कारण सरकारी अस्पतालों के कई क्लेम रद्द हो चुके हैं, जिस कारण उपरोक्त तीनों जि़लों में ही केवल एक साल के दौरान पंजाब सरकार को करीब 52,06,500 रुपए (बावन लाख छह हज़ार पाँच सौ रुपए) के वित्तीय घाटे का अनुमान है। इसके अलावा अन्य प्राईवेट अस्पतालों द्वारा इस सेहत बीमा योजना के अधीन क्लेम किए गए करोड़ों रुपए भी संदिग्ध तौर पर जाँच के दायरे में हैं। क्या है आयुष्मान भारत योजना वर्णन योग्य है कि तारीख़ 20.08.2019 को शुरू की गई आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत देश के 10 करोड़ से ज़्यादा गरीब/ज़रूरतमंद ग्रामीण और शहरी परिवारों को मुफ़्त स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही हैं।

भारत सरकार द्वारा इस योजना के लिए 60 प्रतिशत और राज्य सरकारों द्वारा 40 प्रतिशत वित्तीय सहायता के तौर पर बतौर प्रीमियम इफको टोकियो कंपनी को दी जाती है। पंजाब राज्य में यह योजना सरबत सेहत बीमा योजना के अधीन चल रही है, जिसके अनुसार लगभग 1000 रुपए की रकम राज्य सरकार की तरफ से बतौर प्रीमियम प्रति परिवार इस बीमा कंपनी को सालाना अदा की जा रही है। इस सम्बन्धी पंजाब सरकार द्वारा गरीब/ज़रूरतमंद परिवारों को स्मार्ट कार्ड जारी किया जाता है। इस स्मार्ट कार्ड के द्वारा उस व्यक्ति को या उसके परिवार के मैंबर को यदि कोई गंभीर बीमारी हो जाती है तो वह इस स्कीम के अधीन अस्पताल में दाखि़ल होकर 5,00,000 रुपए तक का इलाज मुफ़्त करवा सकता है। इस योजना की निगरानी स्टेट हैल्थ अथॉरिटी, पंजाब स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग कर रहा है।

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