होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस के अवसर पर जिलाध्यक्ष निपुण शर्मा की अध्यक्षता में पुष्पांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। श्रदासुमन अर्पण करने के बाद पूर्व मंत्री तीक्ष्ण सूद ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा जम्मू-काश्मीर में धारा 370 लगाने का विरोध करने की हिम्मत अगर किसी ने दिखाई थी तो वह राष्ट्रवादी नेता श्यामा प्रसाद थे,जिन्होंने एक देश मे दो विधान,दो निशान व दो प्रधान नही चलने देंगे का नारा दिया था।
वह भारतीयों के लिए कश्मीर जाने के लिए आवश्यक किए गए परमिट सिस्टम को तोड़कर जम्मू काश्मीर में दाखिल होते समय गिरफ्तार हो गए और संदिग्ध परिस्थितियों में उनकी मौत हो गई।उनकी शहादत व तपस्या के बल पर आज मोदी सरकार में भारत का अभिन्न अंग माने जाने वाले जम्मू काश्मीर से धारा 370 हटाकर प्रत्येक भारतीय को एक समान जीने का अधिकार दिलवाया है।डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अखंड भारत की संकल्पना को साकार करने के लिए अपना पूरा जीवन होम कर दिया।
जिलाध्यक्ष निपुण शर्मा ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी केवल राजनीतिक कार्यकर्ता नहीं थे। उनके जीवन से ही राजनीतिक दलों को सीख लेनी चाहिए, उनका स्वयं का जीवन प्रेरणादायी, अनुशासित तथा निष्कलंक था। राजनीति उनके लिए राष्ट्र की सेवा का साधन थी, उनके लिए सत्ता केवल सुख के लिए नहीं थी। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी राजनीति में क्यों आए? इस प्रश्न का उत्तर है, उन्होंने राष्ट्रनीति के लिए राजनीति में पदार्पण किया। वे देश की सत्ता चाहते तो थे, किंतु किसके हाथों में? उनका विचार था कि सत्ता उनके हाथों में जानी चाहिए, जो राजनीति का उपयोग राष्ट्रनीति के लिए कर सकें।इसी राष्ट्रनीति को आगे रखकर आज देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उनकी सरकार देश व समाज के लोगों की सेवा में कार्यरत है।
पूर्व मेयर शिव सूद व प्रदेश कार्यकारणी सदस्य विजय कुमार सूद ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस मौके पर विनोद परमार, कमल चौधरी, आनंद वीर सिंह, सुरिंदर भट्टी, सुधीर शर्मा, कुलवंत कौर, सुनीता, संतोष वशिष्ठ, गुरमिंदर कौर, मंजू, जसविंदर सिंह, शरद सूद, जतिंदर पुरी, राकेश सूरी, यशपाल शर्मा, डॉ बिन्दुसार शुक्ला,अमरजीत सिंह लाडी, बाबा गुरजीत सिंह, अक्षय वशिष्ठ, दिलबाग सिधू, हरिकृष्ण धामी,बलबीर विरदी, राजिंदर मोदगिल, विशाल शर्मा आदि उपस्थित थे।