होशियारपुर/हरियाना (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: प्रीति पराशर । हरियाना में पुराने जमाने के दो मुख्य कुदरती स्रोत थे, एक तो मीरां जी के बाग वाला कुआं और दूसरा बादशाही टोबा। कभी किसी जमाने में यह हरियाना की जीवनशैली व रोजमर्रा की जरुररतों का मुख्य हिस्सा थे। हरियाना निवासी बुजुर्ग गुरदास राम ने जानकारी देते हुए बताया कि हरियाना के आम बहुत मशहूर थे किसी बादशाह ने पाकिस्तान में आम लगाने के लिए कस्बा हरियाना से मिट्टी खोदकर पाकिस्तान भेजी और खुदाई वाली जगह पर एक बड़ा तलाब बना दिया जो बादशाही टोब्बेे के नाम से मशहूर हुआ और कई दशको तक उसने हरियाना के लोगों की पानी की जरुरतों को पूरा करता है।
लोग जहां आकर कपड़े धोने, नहाने और पशुओं को पानी पिलाने के लिए प्रयोग करते थे और पूरा दिन बादशाही टोब्बे पर चहल-पहल का माहौल रहता था, लेकिन अब यह पानी का स्रोत पूरी तरह सूख चुका है और इसके सरंक्षण के लिए भी कोई प्रयास नहीं किया जा रहा।
जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि मीरा जी के बाग वाला कूंआ हरियाना में पानी का कुदरती दूसरा स्रोत है। इस कूएं के पानी में सदियों से कुछ इस तरह की शक्ति है कि इस पानी से नहाने वाले लोगों को चमड़े के रोग, दाद, खाज, खुजली दूर हो जाते है। जिन रोगियों के रोग इस पाने से नहाने से दूर होते है वो इस जगह पर झाड़ू व नमक का चड़ावा चढ़ाकर जाते है। इस कूएं का पानी आज तक सूखा नहीं।