होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: जतिंदर प्रिंस। संत महापुरुषों ने हमेशा ही इंसान को ज्ञान की रोशनी से जगाने का काम किया है। ज्ञान की रोशनी प्राप्त करके इंसान जब कर्म रूप से ब्रह्मज्ञान को दूसरे तक पहुंचाने का प्रयास करता है तो वह अध्यात्मिकता के मार्ग पर ऊंचाइयों को हासिल करता हुआ चला जाता है। उक्त प्रवचन निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने दिल्ली में आयोजित संत समागम के दौरान रखे। सतगुरु माता जी ने आगे फरमाया कि जब इंसान सतगुरु की शरण में जाकर इस निरंकार प्रभु की जानकारी हासिल कर लेता है तो उसे हर समय निरंकार प्रभु उसे अंग संग दिखाई देने लग पड़ता है।
उसके बाद गुरसिख का विश्वास दिन प्रतिदिन मजबूत होता चल जाता है। प्रस्थिति जैसी भी हो, चाहे दुख की घड़ी हो या खुशीयों के पल हो गुरसिख हमेशा ही सेवा,सिमरन व सत्संग को जीवन में प्राथमिकता देता है। निरंकारी माता जी ने कहा कि प्रचार का सबसे अच्छा व तेज साधन कर्म होता है, जब हमारे जीवन में गुण होंगे तो तब ही हम किसी दूसरे को प्रेरित कर पाएंगे।
उन्होंने आगे कहा कि निरंकारी मिशन को 90 वर्ष हो चुके है। निरंकारी मिशन की सिखलाइयों को जीवन में अपनाकर ही मिशन का प्रचार हो सकता है। सतगुरु माता जी ने कहा कि गुरसिख विश्वास व समर्पण भाव से जीवन व्यतीत करता है।