स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही: कोरोना से हुई थी प्रीतम सिंह की मौत और बैग में लिपटा मिला महिला का शव

मुकेरियां (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: सचिन शर्मा। पंजाब में कोरोना वायरस के कारण एक व्यक्ति की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग की बहुत बड़ी लापरवाही सामने आने का समाचार प्राप्त हुआ है। मौत के बाद व्यक्ति के शव की जगह पर स्वास्थ्य विभाग ने महिला का शव उसके परिवार को सौंपा तथा संस्कार दौरान पता चला कि शव उनके पारिवारिक सदस्य का नहीं बल्कि किसी महिला का है। मामला सामने आने के बाद जहां पारिवारिक सदस्य पूरी तरह से सदमे में हैं वहीं महिला का शव किसका है इसके बारे में भी असमंजस की स्थिति बनी हुई थी।

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जानकारी अनुसार 1 जुलाई को मुकेरियां के गांव टांडा राम सहाय के एक व्यक्ति प्रीतम सिंह (92) के अलावा उनकी पत्नी, बेटे व बहु एवं बेटी और बेटी का बेटा, इन सभी का कोरोना टैस्ट हुआ था तथा रिपोर्ट पॉजीटिव आने के बाद उन्हें रयात बाहरा कावरंटीन किया गया था। जानकारी अनुसार प्रीतम सिंह की बेटी जोकि उनके पास ही रहती थी टायफायड की मरीज थी। उसे कोरोना होने के बाद सभी की रिपोर्ट पॉजीटिव आई थी। इस उपरांत उन्हें रयात बाहरा रखा गया था। जहां पर प्रीतम सिंह व उनके बेटे की हालत खराब होने पर पहले उन्हें सिविल अस्पताल होशियारपुर लाया गया जहां से 7 जुलाई को दोनों को अमृतसर रैफर कर दिया गया था, जबकि अन्यों को 10 दिन बाद बिना टैस्ट किए ही घर भेज दिया गया था और दूसरी तरफ प्रीतम सिंह के बेटे को 16 जुलाई को अमृतसर से छुट्टी देकर घर भेज दिया गया था। पारिवारिक सदस्यों के अनुसार करीब 8 दिन पहले उन्हें फोन आया था कि प्रीतम सिंह की मौत हो गई है व उसके बाद फोन आया कि वो ठीक हैं। आज 18 जुलाई को सुबह फोन पर बताया जाता है कि प्रीतम सिंह की मौत हो गई है।

उनके अनुसार इसकी जानकारी सिविल सर्जन होशियारपुर को मिलने के उफरांत उन्होंने बुड्डाबढ़ के एसएमओ डा. जतिंदर कुमार को उनका शव लाने के लिए प्रबंध करने हेतु कहा था। जिस पर उन्होंने दर्जा-4 कर्मियों को पीपीई किटें देकर एम्बुलैंस से शव लेने के लिए रवाना कर दिया था। जब शव मुकेरियां पहुंचा तो उसे सीधा शमशामघाट पर लाया गया। इसी दौरान उनके कुछेक पारिवारिक सदस्य जोकि पीपीई किट पहने हुए थे ने संस्कार दौरान बैग खोलकर बॉडी को देखा तो उनके होश उड़ गए। क्योंकि, जो जिस बॉडी का संस्कार किया जाने वाला था वो प्रीतम सिंह की नहीं बल्कि किसी महिला का शव था। इससे मौके पर हडक़ंप मच गया और अफरा-तफरी वाला माहौल व्याप्त हो गया। सूचना मिलने पर एसएमओ डा. जतिंदर कुमार, डीएसपी मुकेरियां, थाना प्रभारी व स्वास्थ्य विभाग की टीमें वहां पहुंच गई थीं और दूसरी तरफ परिवार के सदस्य महिला का बॉडी देने को तैयार नहीं हो रहे थे। वे इस बात पर अड़े थे कि पहले प्रीतम सिंह का शव उन्हें वीडियो कालिंग के माध्यम से दिखाया जाए। पारिवारिक सदस्यों का कहना था कि उन्होंने तो पीपीई किट डाली हुई थी और उन्होंने अपने पिता/दादा के अंतिम दर्शन करने के लिए बैग खोल कर देख लिया। अगर वे ऐसा न करते तो उन्हें इस बात का कभी पता ही नहीं चलता।

हैरानी वाली बात तो यह है कि जिस बैग में शव पैक किया गया था, उस पर स्टीकर प्रीतम सिंह का ही लगा हुआ था। इस घटना के बाद से आशंकाएं जताई जा रही हैं कि हो सकता है कि पहले भी ऐसी कई घटनाएं हुईं हों और कोरोना के कारण हुई मौत के बाद लोग अपनों का नहीं बल्कि किसी दूसरे के शव का संस्कार कर चुके हों। क्योंकि, इसमें शव को घर पर नहीं लाया जाता और सीधे शमशानघाट पर ले जाकर अंतिम संस्कार कर दिया जाता है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार यह गलती अमृतसर में शव को रखते समय हुई होगी बताई जा रही थी तो दूसरी तरफ खबर लिखे जाने तक प्रीतम सिंह के परिजन इस बात पर अड़े हुए थे कि वीडियो कालिंग के माध्यम से प्रीतम सिंह का शव दिखाया जाए तब वे महिला का शव यहां से ले जाने देंगे। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और पुलिस द्वारा पारिवारिक सदस्यों को समझाया जा रहा था।

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