होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़) । श्री हिन्दु गौरक्षिणी सभा के तत्वाधान में श्री केशो मंदिर नई आबादी करवाई जा रही संगीतमयी श्री भक्तमाल कथा में वृदावन से पधारे गौरदास जी महाराज ने मीरा बाई जी के चरित्र का बहुत सुंदर वर्णन करते हुए बताया कि मीरा जी अपने दादा जी के साथ श्री द्वारिका पुरी दर्शन करने आई तो उनके दादा जी ने उनसे द्वारका जी में भजन सुनाने को कहा। इस पर मीरा जी ने नृत्य करते हुए गाया.. म्हारो मन हर लीनो रण छोड़.., जिसे सुनकर उपस्थिति मंत्रमुग्ध हो गई। वहां से वापस जब मेवाड़ आए तो वहां मीरा जी ठाकुर जी की सेवा में लग गई, एक दिन मीरा जी के घर के आगे से कोई बारात निकल रही थी।
मीरा जी ने मां से पूछा तो उनकी मां ने बताया कि ये बीन्द (दूल्हा) है और हाथी पर बैठकर अपनी बींदड़ी (दुल्हन) को लेने आया है और विवाह के बाद बींदड़ी को ले जाएगा। तो मीरा जी ने अपनी मां से पूछा, मां मेरा बींद कौन है, मां ने पीछा छुड़ाने के लिए कह दिया, तेरे बींद कृष्ण जी है। बस फिर तो मीरा जी का जीवन ही बदल गया और वो भगवान श्री कृष्ण (द्वारका धीश) जी को पतिरूप में देखने लगी। कथा से पूर्व मुख्ययजमान नरेंद्र कुमार ने महाराज जी को माला अर्पण करके महाराज जी से आर्शीवाद लिया।
महाराज जी द्वारा गाये भजन बसो जी मेरे नैनन में नंद लाल.. पर विष्णु दिवाकर, मनमोहन, गोपाल, नागेंद्र आदि प्रेम से नृत्य कर रहे थे। सभा ने नगर के सभी धर्म प्रेमियों को कथा में आमंत्रित किया है।