बछवाड़ा/बेगूसराय (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: राकेश कुमार। पुलिस मस्त पब्लिक त्रस्त उक्त पंक्ति इन दिनों बछवाडा़ पुलिस पर फिट बैठने लगी है । गौरतलब है कि एक अदद एफ.आई.आर के लिए भी जब पब्लिक को डी.एस.पी. व एस.पी. के यहां चक्कर लगाने परे तो थाने की उपयोगिता एवं उसके कर्तव्यहीनता को लेकर भी सवाल उठना लाजमी हो जाता है । इसका जीता जागता उदाहरण फतेहा गांव में देखने को मिला ,जहां दबंगों द्वारा घर में घुस कर बेरहमी से पीटाई किए जाने के मामले में पीड़ित परिवार जब थाने में आवेदन देने पहुंचा तो दरोगा ने प्राथमिकी दर्ज करने के बजाय उन दबंगों को थाने बुलाकर चाय नाश्ता कराया ।
-डीएसपी के हस्तक्षेप के बाद दर्ज हुई प्राथमिकी
साथ हीं दबंगों के पक्ष में पीडि़त परिवार पर कम्प्रोमाईज के लिए दबाव दरोगा द्वारा बनाया जाने लगा। इस क्रम में दरोगा जी ने एक मनगढंत बंधपत्र (सुलहनामा)बनाकर पीड़ितों से हस्ताक्षर भी बनवा लिया । तत्पश्चात पीड़ित परिवार के किरण देवी ने न्याय की उम्मीद लिए तेघरा डी.एस.पी. आशीष आनंद का दरवाजा खटखटाया। जहां तत्क्षण हीं डीएसपी ने बछवाडा़ थानाध्यक्ष परसुराम सिंह को सदेह उपस्थित होने का आदेश दिया। आनन-फानन में डी.एस.पी. के दरबार में थानाध्यक्ष हाजिर हुए । जहां दबंगों के पक्षपात करने के मामले में एक ए.एस.आई का नाम सामने आया । इसी क्रम में थानाध्यक्ष को कड़ी फटकार लगाते हुए तत्क्षण हीं प्राप्त आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज कराया। दर्ज की गई प्राथमिकी में आधे दर्जन लोगों को नामजद किया गया है।