दातारपुर। वैश्विक महामारी कोरोना कहीं ज्यादा घातक न हो इसके लिए जरूरी है कि सभी लोग फिजिकल डिस्टेंस, मास्क पहनना और बार-बार हाथ धोने जैसे नियमों का पालन करते हुए अपने आप को सुरक्षित रखें। यह बातें दातारपुर में पूर्व चेयरमैन कंवर रत्न चंद तथा समाजसेवक अजय परमार ने कहीं।
उन्होंने बताया कि जब वह छोटे थे, तो अपने बुजुर्गों से सुना था कि जब वैश्विक महामारी स्पेनिश फ्लू 1918 में शुरु हुई थी, तो फिर यह दो साल तक चली थी। पचास करोड़ लोगों को इसने संक्रमित किया था। पूरे विश्व में पांच करोड़ लोगों की मौत हो गई थी। कंवर तथा परमार ने बताया इस महामारी की तीन वेव आई थी। पहली वेव में लोगों ने सरकार के निर्देश का पालन करते हुए फिजिकल डिस्टेंस का पालन करते हुए जंगल और खेतों में डेरा डाल दिया था, तब भी लाखों लोग मारे गए थे।
फिर बीमारी थोड़ी कम हुई और लोग असावधान हो गए। कंडी क्षेत्र में भी उस समय यह आलम था कि सुबह हर गांव में पांच-छह लोगों का अंतिम संस्कार किया जाता था। दूसरे दिन फिर उतनी ही मौतें हो जाती थी।
बुजुर्गों से सुना था कि उस समय दुनिया इतनी साधन संपन्न नहीं थी, नतीजतन सेहत सुविधाएं न होने के कारण कंडी क्षेत्र के गांवों में भी सैकड़ों लोगों को अपने प्राण गंवाने पड़े थे। कंवर रत्न चंद तथा अजय परमार ने कहा सरकारी नियमों और निर्देशों का पालन करने से ही कोरोना वायरस नाम वाली मुसीबत से छुटकारा मिल सकता है। कंवर रत्न चंद ने बताया उनके ननिहाल में कुल मिलाकर 32 लोग थे परन्तु 1919 में सभी काल कवलित हो गए थे और मात्र एक बुजुर्ग नाना जी ही बच सके थे। इसलिए लोग समझें यह बहुत बड़ी विभीषिका है। उन्होंने कहा लोग इंजेक्शन लगवाएं और सरकारी दिशा निर्देशों का पालन करें और यथा सम्भव घर से बाहर बिना किसी जरुरी काम के न निकलें।