होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। मातृ स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जेस्टेशनल डायबिटीज मेलिटस के संबंध मे प्रशिक्षण का आयोजन सिविल सर्जन होशियारपुर डॉ. बलविंदर कुमार डमाणा की अध्यक्षता में सिविल सर्जन कार्यालय के प्रशिक्षण हॉल में किया गया। इस दौरान जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. सीमा गर्ग, जिला कार्यक्रम प्रबंधक मुहम्मद आसिफ और डीएमईओ अनुराधा ठाकुर ने एएनएम को गर्भकालीन मधुमेह, उससे जुड़ी समस्याओं और रिपोर्टिंग के बारे में प्रशिक्षण दिया।
प्रशिक्षण के दौरान बोलते हुए डॉ. बलविंदर ने कहा कि जेस्टेशनल डायबिटीज मेलिटस (जीडीएम) गर्भावस्था के दौरान होने वाली मधुमेह है। इसलिए हर गर्भवती महिला को ओजीटीटी टेस्ट जरूर कराना चाहिए ताकि समय रहते इसका पता लगाकर इलाज किया जा सके और इससे बच्चे में किसी भी तरह की जन्मजात बीमारी होने के खतरे को भी रोका जा सके।
डॉ. सीमा गर्ग ने कहा कि नए दिशानिर्देशों के अनुसार, प्रत्येक गर्भवती महिला की पहली एंटी नेटल जांच के दौरान गर्भकालीन मधुमेह की स्क्रीनिंग की जाएगी। उन्होंने प्रशिक्षण में बताया कि यदि किसी गर्भवती महिला में गर्भकालीन मधुमेह का पता चलता है तो उसे अपना आहार बदलने और पहले दो सप्ताह तक कम से कम 30 मिनट पैदल चलने या व्यायाम करने की सलाह दी जानी चाहिए। यदि फिर भी नियंत्रण न हो तो चिकित्सा विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार इलाज शुरू कर देना चाहिए।
डीपीएम मुहम्मद आसिफ ने कहा कि सभी गर्भवती महिलाओं की समय पर गर्भावधि मधुमेह की जांच से भविष्य में मातृ मृत्यु दर को कम करने में मदद मिलेगी। डीएमईओ अनुराधा ठाकुर ने जीडीएम से संबंधित रिपोर्टिंग के लिए भरे जाने वाले प्रारूप के बारे में जानकारी साझा की।