जोखिम में जान: ओवरलोड ट्रेक्टर-ट्राली चालक दे रहे हादसों को आमंत्रण

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। ट्रैफिक पुलिस द्वारा जगह-जगह नाके लगाकर आम लोगों के तो चालान काटने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाती तथा पुलिस विभाग के उच्चाधिकारी भी ट्रैफिक नियमों की सख्ती से पालना को यकीनी बनाने के बड़े-बड़े दावे करते नहीं थकते। लेकिन आम लोगों को सडक़ पर चलते समय एहसास हो जाता है कि यह सारे नियम उन्हीं के लिए बने हैं। जबकि कृषि क्षेत्र में प्रयोग होने वाले वाहनों का कई लोगों द्वारा जमके व्यपारिक प्रयोग किया जा रहा है और वे ओवरलोड वाहनों को सडक़ों पर चलाते समय जहां अपनी जान को जोखिम में डालते हैं वहीं दूसरों के लिए भी खतरे पैदा करते हैं।

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मंडियों में ट्रेक्टर-ट्रालियों में फसल लेकर आने वाले अधिकतर किसानों द्वारा जहां नियमों का पालन किया जाता है वहीं इसी वाहन का व्यापारिक प्रयोग करने वाले अधिकतर लोग ओवरलोडिंग को अपना जन्मसिद्ध अधिकार मनते हैं, जिसके चलते जहां वे अपनी जान जोखिम में डाल सडक़ से गुजरते हैं वहीं दूसरे लोगों के लिए भी जोखिम के द्वार खोलते हैं।

ओवरलोडिंग के कारण आए दिन होने वाले हादसों से भी यह लोग सबक नहीं सीखते। जिसके कारण हालात और भी बदतर बन जाते हैं। ट्रैफिक पुलिस द्वारा अलग-अलग जगहों पर नियमों की पालना को यकीनी बनाने के लिए उलंघन करने वालों के चालान भी काटे जाते हैं तथा ट्रेक्टर-ट्रालियों को छोडक़र अन्य सभी प्रकार के वाहनों पर ट्रैफिक-पुलिस की नजऱ तो पड़ जाती है, पर ओवरलोड ट्रेक्टर-ट्राली वालों को रोककर उन्हें पाठ पढ़ाना शायद पुलिस वाले जरुरी नहीं समझते। इतना ही नहीं ओवरलोडिंग के साथ-साथ इन चालकों द्वारा गाने भी इतने जोर से बजाए जाते हैं, जोकि शोर प्रदूषण का कारण बनते हैं। लोगों ने मांग की कि सडक़ों पर दोडऩे वाले हर प्रकार के ओवरलोड वाहनों पर कड़ी कार्यवाही की जाए ताकि इनके कारण होने वाले सडक़ हादसों में कमी आए या इन्हें पूरी तरह से टाला जा सके।

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